Ganesh Chaturthi 2024: केवल 10 दिनों के लिए क्यों आते हैं गणपति बप्पा, यहां जानिए पौराणिक महत्व

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Ganesh Chaturthi 2024: हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन गणपति बप्पा का घर-घर में विराजमान किया जाता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है. इस साल 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रही, जिसका समापन 17 सितंबर को होगा. हर साल की तरह इस साल भी गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों-शोरों से शुरू हो चुकी हैं.

कई लोग गणेश प्रतिमा का विसर्जन डेढ़ दिन, 5 दिन या 7 दिन बाद ही कर देते हैं, लेकिन मान्यता है कि, विर्सजन 10 दिन के बाद ही किया जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर गणपति बप्पा 10 दिनों के लिए ही क्यों आते हैं. आइए आपको बताते हैं इसका पौराणित महत्व…

महाभारत लिपिबद्ध करने की प्रार्थना

आपको बता दें कि गणेश विर्सजन का मुख्य कारण महाभारत से जुड़ा हुआ है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी के ही दिन गणेश जी का जन्‍म हुआ था. इसलिए इस दिन से ही गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसके साथ ही एक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन ही महर्षि वेदव्यास जी ने गणेश जी से महाभारत की रचना को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी.

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गणेश जी ने कही ये बात

जिसके बाद गणेश चतुर्थी के दिन से ही वेदव्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेश जी ने उसे लिपिबद्ध करना शुरू किया था, लेकिन गणेश जी ने एक शर्त रखी कि, अगर वे लिखना आरंभ करेंगे तो कलम नहीं रोकेंगे और अगर कलम रुक गई तो वहीं लिखना बंद कर देंगे. जिसके बाद व्‍यास जी ने कहा कि भगवान आप विद्वानों में सबसे श्रेष्ठ हैं और मैं एक साधारण ऋषि हूं. अगर श्‍लोक लिखने में मुझसे कोई गलती हो जाए तो आप उसे ठीक करते हुए लिपिबद्ध करते जाएं. इसी प्रकार महाभारत लेखन लगातार 10 दिन तक चला.

अनंत चतुर्दशी को पूरा हुआ लेखन कार्य

गणेश जी ने बिना रूके लगातार 10 दिनों तक लेखन किया और अनंत चतुर्दशी के दिन लेखन समाप्त हुआ तो गणेश जी के शरीर पर धूल-मिट्टी की परत जमा हो गई. तब उन्होंने सरस्‍वती नदी में स्‍नान करके अपने शरीर को साफ किया. यही कारण है कि गणपति स्‍थापना 10 दिन के लिए की जाती है और फिर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.

(Disclaimer: लेख में दी गई जानकारी समान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है, इसकी पुष्टी The Printlines नहीं करता है.)

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