Patton Tank: इन दिनों अमेरिका और इजरायल के बीच तनाव बढ़ा हुआ है, जिसे लेकर ईरान ने अपनी सैन्य तैयारी को और भी अधिक तेज कर दिया है. इस तैयारी के तहत ईरान ने अमेरिकी मूल के M 60 पैटन टैंक को अपग्रेड किया है, जिसका नया नाम सोलोमन-402 रखा गया है. बता दें कि अमेरिका और ईरान के बीच ये दुश्मनी दशकों से चलती आ रही है. इसके अलावा इन दोनों देशों के बीच कोई राजनितिक संबंध भी नहीं है.
ऐसे में सवाल ये है कि आखिर ईरान के पास अमेरिकी हथियार कैसे आए. क्योंकि ईरान केवल अमेरिकी टैंक ही नहीं बल्कि अमेरिकी लड़ाकू विमान भी ऑपरेट करता है. हालांकि ईरान में ये अमेरिकी हथियार काफी पुराने है, लेकिन उसकी ताकत कहीं अधिक है.
एक दूसरे के कट्टर दुश्मन अमेरिका और ईरान
दरअसल एक समय ऐसा था जब ईरान और अमेरिका को संबध काफी अच्छे थे, लेकिन ईरान की क्रान्ति के बाद सब कुछ समाप्त हो गया. जिसके बाद से अमेरिका और ईरान अब एक दूसरे के कट्टर दुश्मन माने जाते हैं. ऐसे में ईरान के पास जो अमेरिकी हथियार मौजूद है, वो ईरानी क्रान्ति के पहले के खरीदे हुए है.
अमेरिकी प्रतिबंधो से घिरा ईरान
बता दें कि ईरान एक मात्र ऐसा देश है, जो साल 1979 से ही अमेरिका के प्रतिबंधों से घिरा हुआ है. वहीं, युद्ध के दौरान वह अपने हथियारों को और भी ज्यादा अपग्रेड करने के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन अमेरिकी M60 पैटन टैंक को अपग्रेड करके ईरान ने अपनी क्षमता दिखा दी है.
ईरान ने पैर्टन टैंक का किया अनावरण
वही हाल ही में ईरानी सेना के मुख्य कमांडर मेजर जनरल अब्दुल रहीम मौसवी और ईरानी सेना की ग्राउंड फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर जनरल कियुमर्स हैदरी की मौजूदगी में पैटन टैंक का अनावरण किया गया. इसमें ईरानी इंजीनियरों ने कमांडर के लिए एक नया बुर्ज, रिएक्टिव अरमौर प्लेट, स्मोक ग्रेनेड, फ्रंट बैक और साइड व्यू कैमरा, फायर अलार्म, इंफ्रारेड जैमिंग और सेपरेशन सिस्टम लगाया है.
इतना ही नहीं, टैंक के अंदर नाइट विजन कैमरे भी लगाए गए हैं, जो 24 घंटे चलेंगे. वहीं, इस टैंक की खास बात ये है कि यह चलते समय भी अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना करके उसे हिट कर सकता है.
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