Iran-Pakistan: अमेरिका एक बार फिर से पाकिस्तान को ईरान के साथ गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से पीछे हटने के लिए दबाव बना रहा है, इसके लिए उसने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा है कि ईरान के खिलाफ हम अपने प्रतिबंधों को लागू करना जारी रखेंगे. ऐसे में ईरान के साथ व्यापारिक सौदों पर विचार करने वालों को भी उन सौदों के संभावित प्रभावों के बारे में जागरूक रहने की आवश्यकता है.
मैथ्यू मिलर का यह बयान अमेरिका का ईरान पर दबाव बनाए रखने के मकसद स्पष्ट रूप से जाहिर करता है, जो पाकिस्तान के भी सीधी चेतावनी है. क्योकि ईरान में अमेरिका के प्रतिबंधों से पाकिस्तान की सीमा में प्रस्तावित गैस पाइपलाइन परियोजना पर भी प्रभाव पड़ सकता है. बता दें कि इस परियोजना के तहत पाकिस्तान के ग्वादर से ईरान तक 80 किलोमीटर की पाइपलाइन का विस्तार किया जाना है.
धमकी के साथ ही मदद का भी दिया भरोसा
मिलर ने एक तरफ जहां पाकिस्तान को ईरान के साथ किए डील से पीछे हटने की चेतावनी दी है, वहीं दूसरी ओर ये आश्वासन भी दिया कि पाकिस्तान की ऊर्जा की कमी को दूर करने को अमेरिका अपनी प्राथमिकता मानता है. मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम पाकिस्तान सरकार के साथ ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा करना जारी रखेंगे. साथ ही उसकी ऊर्जा जरूरतों के लिए व्यवहार्य समाधान खोजने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी.
ईरान ने दी मुकदमे की धमकी
पाइपलाइ प्रोजेक्ट को लेकर जहां पाकिस्तान पर अमेरिका का दबाव है वहीं, ईरान ने भी मुकदमें की धमकी दी है. ईरान ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने हिस्से में गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा, वरना उसे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत का सामना करने और अरबों डॉलर का जुर्माना सहने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसके लिए ईरान ने पाकिस्तान को ‘फाइनल नोटिस’ भी दे दिया है.
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