GST Council Meeting: आज, 9 सितंबर को एक बार फिर से जीएसटी की मीटिंग शुरू हो गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में GST काउंसिल की 54वीं बैठक 11 बजे दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में शुरु हुई. इस बैठक में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्री और कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए हैं. मीटिंग के बाद लिए गए फैसलों के बारे में बाद में प्रेंस कॉन्फ्रेंस के जरिए जानकारी दी जाएगी. दोपहर 2 बजे तक प्रेस कॉन्फ्रेस होने की उम्मीद है. इस बैठक के ऊपर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि आज उनके मतलब के फैसले हो सकते हैं. जिस फैसले का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वह इंश्योरेंस के प्रीमियम से जुड़ा हुआ है.
इन मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद
जीएसटी बैठक में जिन अहम मुद्दों पर विचार होने की उम्मीद है. इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी, जीएसटी की दरों का रैशनलाइजेशन और ऑनलाइन गेमिंग पर कंडीशन रिपोर्ट समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होगा. इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी का मुद्दा प्रमुख है. वहीं जीएसटी की दरों को तार्किक बनाए जाने का मुद्दा बहुत पुराना है.
इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दर में हो सकती है कमी
एक्सपर्ट की मानें तो स्वास्थ्य बीमा पर GST को या तो कम किया जाए या पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाए. अगर ऐसा होता है, तो आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और उनके लिए बीमा लेना आसान होगा. अभी हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की दर से टैक्स (जीएसटी) लिया जा रहा है. खास तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 प्रतिशत जीएसटी को बहुत ज्यादा माना जा रहा है. भारत जैसे देश में हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच काफी कम है. इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रीमियम को किफायती बनाना जरूरी है. इस वजह से टैक्स की दर को कम करने की मांग उठ रही है.
इंश्योरेंस मुद्दे की संवेदनशीलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में एक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसे लेकर वित्त मंत्री को चिट्ठी लिख चुके हैं. नितिन गडकरी ने निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी कम करने का सुझाव दिया. यह मामला पहले फिटमेंट कमिटी के पास भेजा गया था, जिसने अपनी सिफारिशों के साथ अंतिम फैसला GST काउंसिल के ऊपर छोड़ दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि आज की बैठक में इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की दर में कमी लाया जा सकता है. वरिष्ठ नागरिकों समेत स्पेसिफिक ग्राहकों को कर से छूट दी जा सकती है.
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के रेवेन्यू पर कर
इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की कमाई का मुद्दा भी फोकस में रहने की उम्मीद है. इस मुद्दे पर 1 अक्टूबर 2023 से लागू व्यवस्था के पहले और बाद की स्थिति की तुलनात्मक समीक्षा की जा सकती है. काउंसिल इस बात पर विचार कर सकती है कि एंट्री लेवल बेट पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का क्या असर हुआ है. इस मामले में दरों में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है.
क्या महंगा होगा क्रेडिट-डेबिट कार्ड से भुगतान?
लंबे समय से जीएसटी की दरों को तार्किक बनाए जाने की मांग उठती आई है. ऐसा माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल बैठक में भी यह पुराना मुद्दा उठ सकता है. उनके अलावा बैठक के दौरान पेमेंट एग्रीगेटर्स पर टैक्सेशन के बारे में भी विचार हो सकता है. जीएसटी काउंसिल पेमेंट एग्रीगेटर्स के माध्यम से डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले 2000 रुपये तक के छोटे भुगतान पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर विचार कर सकती है. बैठक में फेक जीएसटी रजिस्ट्रेशन की समस्या से निपटने के उपायों के बारे में भी चर्चा हो सकती है.
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