नेहरू या इंदिरा जैसे नहीं जयशंकर… बौखलाए चीनी ग्लोइबल टाइम्स ने पहले दिया भड़काऊ बयान फिर खबर किया डिलीट

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Global Times on S Jaishankar: हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की पोल खोली थी, जिसे लेकर चीन बौखलाया हुआ है. ऐसे में ही उसने अपने एक लेख में कहा कि विदेश मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत और चीन के रिश्‍तों से एस जयशंकर डरें हुए है. साथ ही उसने जयशंकर की विदेश नीतियों में काफी कमियां होने की बात कही.

ग्‍लोबल टाइम्‍स के इस लेख का सोशल मीडिया पर काफी विरोध किया गया, जिसके वजह से उसने इस लेख को वेबसाइट से डिलीट कर दिया. बता दे कि डिलीट किए लेख में कम्यूनिस्ट पार्टी के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत में जयशंकर जैसे कई चीनी एक्सपर्ट मौजूद हैं जिनका मानना है एस जयशंकर को भारत-चीन के मुद्दे पर बोलने का एकाधिकार मिला हुआ है, लेकिन वास्‍तव में चीन के बारे में उन्‍हें कोई जानकारी नहीं है. ग्‍लोबल टाइम्स के इस लेख में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी का भी जिक्र किया गया.

लेख में नेहरू-इंदिरा का किया जिक्र

चीनी एक्सपर्ट ने कहा कि भारत के मौजूदा विदेश मंत्री में न ही नेहरू की कूटनीति की जैसी नैतिकता है और न ही इंदिरा गांधी की कूटनीति का सदाचार. वो कहते है कि सुरक्षा के लिहाज से चीन की टेलीकॉम तकनीक पर बैन लगना चाहिए तो क्या अमेरिकी की तकनीक सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित है. चीनी एक्‍सपर्ट ने कहा कि लोगों ने हुवेई स्‍कैंडल नहीं सुना लेकिन एडवर्ड स्नोडेन ने प्रिज्म स्कैंडल का खुलासा किया था.’

राष्‍ट्रीय हित से जुड़ी नहीं जयशंकर नीतियां

ग्‍लोबल टाइम्‍स के लेख में चीनी एक्‍सपर्ट ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की नीतियों पर भी सवाल किए. उसने दावा किया कि कई भारतीय राजनेता अपने फायदे के लिए देश का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा कई ऐसे भी नेता है, जो लंबी अवधि के हितों को गंभीरता से नहीं लेते. भारतीय कुटनीति की इस समस्या को जयशंकर समस्या कहा जा सकता है. क्‍योकि उनकी नीतियां राष्ट्रीय हित से जुड़ी नहीं हैं.

एस जयशंकर ने खोली थी चीन की पोल

बता दें कि हाल ही में भारतीय विदेशी मंत्री एस जयशंकर दुनियाभर के मंचों से चीन की दादागिरी की पोल खोली थी. उन्‍होंने कहा था कि भारत के सामने भी एक खास समस्या चीन है, जो दुनिया की सामान्य चीन समस्या से अलग है. इसके साथ ही उन्‍होंने चीन से होने वाले निवेश की जांच की भी मांग की थी.

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