क्या है मंकीपॉक्स और कैसे होता है इसका संक्रमण? जानिए सभी सवालों का जवाब

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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What is Monkeypox: विश्व के कई देशों मेें मंकीपॉक्स के मामले तेजी से फैल रहे हैं. भारत में भी मंकीपॉक्स के संक्रमण का एक संदिग्ध मिला है. हालांकि, उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया है. बताया जा रहा है कि विदेश से लौटे इस शख्स में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं. वर्तमान में उसको एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है.

भारत में संदिग्ध मामला सामने आने के बाद मंत्रालय ने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी शुरू कर दी है. इस बात का पता लगाया जा रहा है कि इस व्यक्ति के संपर्क में कौन-कौन आया था. उसकी भी हिस्ट्री निकालने की कोशिश की जा रही है. इन सब के बीच लोगों के मन में सवाल है कि आखिर मंकीपॉक्स क्या है और यह कैसे फैलता है. इन सभी सवालों के जवाब हम इस ऑर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं.

जानिए क्या है मंकीपॉक्स

विशेषज्ञों का कहना है कि मंकीपॉक्स एक वायरल डिजीज है, जो एमपॉक्स वायरस के जरिए फैलता है. इसका संक्रमण काफी तेज होता और यह किसी को भी जल्दी बीमार डालता है. आसान भाषा में समझें तो मंकी पॉक्स वायरस, स्मॉल पॉक्स (चेचक) की फैमिली या उस जैसे वायरस ग्रुप का मेंबर है. हालांकि, यह चेचक से कम हानिकारक है.

पहली बार कब मिला था मंकीपॉक्स का मामला

इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो साल 1970 में पहली बार अफ्रीका के कांगो में एमपॉक्स का मामला सामने आया था. इसके बाद 90 का दशक आते- आते यह अफ्रीका के तमाम देशों में फैल गया. वहीं, साल 2022 में यह वायरस पूरे यूरोप से लेकर अमेरिका में फैल गया है और खूब कहर बरपाया.

मुख्य रुप से मंकीपॉक्स के दो स्ट्रेन पाए गए हैं. पहला स्ट्रेन है ‘क्लेड-1’, जो मध्य अफ्रीकी देशों में पाया गया. जानकारों का कहना है कि यह स्ट्रोन सबसे अधिक घातक है और इसकी चपेट में आने वाले लोगों में 10 फीसदी लोगों की मौत हो गई है. वहीं, दूसरा स्ट्रेन ‘क्लेड-2’, जो कम हानिकारक है. ज्यादातर देशों में ‘क्लेड-2’ ही फैला है. हालांकि, इसकी चपेट में आने वाले 99.99% लोग ठीक हो जाते हैं.

जानिए मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉल पाक्स के जैसे होते हैं. शुरू में इसके लक्षण कम दिखते हैं, जिससे यह शुरुआत में कम गंभीर नजर आते हैं. संक्रमित व्यक्ति के त्वचा पर दाने, बुखार, गले में सूजन, सर दर्द, शारीरिक दर्द, शरीर में थकावट जैसे होते हैं. मंकीपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर शुरू होते हैं. अगर आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं तो संभव है कि 1-4 दिन बाद आपको दाने निकल आएंगे. मंकीपॉक्स ठीक होने से पहले कई चरणों में गुजरता है. जिसमें पपड़ी बनना शामिल होता है. मंकीपॉक्स के कारण सबसे पहले फुंसी दिखेगी, जो बाद में चलकर खुजली का कारण बनेगी.

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