बांग्लादेश बदलेगा अपना राष्ट्रगान? यूनुस सरकार का आया जवाब; सवालों पर लगा ब्रेक

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Bangladesh India Relation: बांग्लादेश में इस समय राष्ट्रगान को लेकर विवाद तूल पकड़ते जा रहा है. इस बीच सवाल खड़ा हो रहा था कि क्या बांग्लादेश की अंतरिम सरकार देश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ को बदलने जा रही है. लेकिन अब इस मामले पर देश की यूनुस सरकार का जवाब सामने आया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने साफ कर दिया है कि उसका देश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ में कोई बदलाव करने का इरादा नहीं है.

दरअसल, यह पूरा विवाद तब शुरु हुआ, जब पड़ोसी मुल्क के एक पूर्व सैन्य अफसर ने एक टिप्पणी की और कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान रविंद्रनाथ टैगोर के लिखे राष्ट्रगान को भारत ने बांग्लादेश पर थोपा है. पूर्व सैन्य अधिकारी की इस टिप्पणी के बाद सवाल खड़ा हुआ कि क्या देश की यूनुस सरकार बांग्लादेश के राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ में बदलाव करने जा रही है.

इस बीच अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने लोगों को आश्वस्त किया कि मुहम्मद यूनुस सरकार इस तरह की किसी गतिविधि में नहीं पड़ेगी. इस प्रकार की किसी भी गतिविधि में पड़ना बिना वजह के विवाद को बढ़ावा देने जैसा है.

जानकारी दें कि शुक्रवार को एकता के प्रदर्शन के तौर पर सांस्कृतिक संगठन उदिची शिल्पगोष्ठी ने देश भर में एक कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में देश के नागरिकों ने एक सुर में राष्ट्रगान गाया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राष्ट्रगान के बारे में बढ़ती चर्चा के बीच राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया गया और राष्ट्रीय गौरव का जश्न मनाने के लिए देशभक्ति के गीत गाए गए.

कैसे शुरू हुआ राष्ट्रगान विवाद?

आपको जानना चाहिए कि विगत 03 सितंबर को एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी. इस दौरान बांग्लादेश के पूर्व सैन्य अफसर अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रगान आमार सोनार बांग्ला अतीत की निशानी है और स्वतंत्र बांग्लादेश की पहचान को यह नहीं दर्शाता.

बता दें कि आजमी जमात-ए-इस्लामी के पूर्व नेता गुलाम आजम के बेटे हैं. उन्होंने ही इस पीसी के दौरान कहा था कि रविंद्रनाथ टैगोर ने जो राष्ट्रगान लिखा है, वह बंगाल के विभाजन से जुड़ा है. यह आजाद बांग्लादेश के मुताबिक नहीं है. इसके बाद से राष्ट्रगान को लेकर विवाद बढ़ गया.

बांग्लादेश के पूर्व सैन्य अफसर अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने कहा था कि यह बंगाल विभाजन और दो बंगाल के विलय के समय को दर्शाता है. दो बंगाल को एकजुट करने के लिए बनाया गया एक राष्ट्रगान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे बन सकता है? इसी के साथ उन्होंने दावा किया था कि यह राष्ट्रगान 1971 में भारत की तरफ से हम पर थोपा गया था. उन्होंने कहा था कि ऐसे कई गीत हैं जो राष्ट्रगान के रूप में काम आ सकते हैं. सरकार को नया राष्ट्रगान चुनने के लिए एक नया आयोग गठित करना चाहिए.

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