Rahul Gandhi USA: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैंं. आज उनके अमेरिका यात्रा का तीसरा दिन है. मंगलवार को अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात की. इस दौरान छात्रों ने उनसे आरक्षण को लेकर सवाल किया, जिसके जवाब में उन्होंने बड़ा बयान दिया है. आइए जानते हैं आरक्षण खत्म करने को लेकर क्या कुछ बोले राहुल गांधी…
दरअसल, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत के दौरान जब उनसे छात्रों ने पूछा था कि देश में आरक्षण कब तक जारी रहेगा, जिसका जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब सही समय होगा, जोकि अभी नहीं है.
आरक्षण एकमात्र साधन नहीं…
राहुल गांधी ने कहा, ‘जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपए में से 5 रुपए मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है. असलियत यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है. भारत के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें. मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं. मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं. मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है. वे भारत के 50 प्रतिशत हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं. अब, आरक्षण एकमात्र साधन नहीं है. अन्य साधन भी हैं.’
इंडिया गठबंधन में मतभेद
वहीं, जब जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों ने राहुल गांधी से समान नागरिक संहिता के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इस पर तभी टिप्पणी करेंगे जब उन्हें पता चलेगा कि बीजेपी का प्रस्ताव क्या है. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन के सदस्यों में मतभेद थे, लेकिन वे कई बातों पर सहमत थे.
आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्जा कर लिया- राहुल गांधी
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में इससे पहले राहुल गांधी ने कहा, ‘चुनावों से पहले, हम इस विचार पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है. आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्जा कर लिया है. मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्जा कर लिया है. हम यह कहते रहे लेकिन लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था. मैंने संविधान को आगे रखना शुरू किया और मैंने जो कुछ भी कहा था, वह अचानक से फूट पड़ा. गरीब भारत, उत्पीड़ित भारत, जिसने यह समझ लिया कि अगर संविधान खत्म हो गया तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा. गरीब लोगों ने गहराई से समझ लिया कि यह संविधान की रक्षा करने वालों और इसे नष्ट करने वालों के बीच की लड़ाई है.’
जातिगत जनगणना बड़ा मुद्दा
राहुल गांधी ने कहा, ‘जाति जनगणना का मुद्दा भी बड़ा हो गया. ये चीजें अचानक एक साथ आने लगीं. मुझे नहीं लगता है कि निष्पक्ष चुनाव में बीजेपी 246 के करीब थी. उनके पास बहुत बड़ा वित्तीय लाभ था. उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे. चुनाव आयोग वही कर रहा था जो वे चाहते थे. पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें. जिन राज्यों में वे कमजोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग तरीके से डिजाइन किया गया था जहां वे मज़बूत थे. मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता. मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं.’
56 इंच का सीना अब इतिहास…
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘चुनावों के बाद कुछ बदल गया है. कुछ लोगों ने कहा कि ‘डर नहीं लगता अब, डर निकल गया अब’. मेरे लिए यह दिलचस्प है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर फैलाया और छोटे व्यवसायों पर एजेंसियों का दबाव, सब कुछ एक सेकंड में गायब हो गया. उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और एक सेकंड में गायब हो गया. संसद में मैं प्रधानमंत्री को सामने देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है.’