Saudi Arabia: भारत गाजा में जारी युद्ध को लेकर गहरी चिंता में है और इस्राइल व हमासस के बीच संघर्ष में युद्धविराम का समर्थन करता है. गाजा की मौजूदा स्थिति हमारे लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है. भारत की इसको लेकर स्थिति सुसंगत और सिद्धांत आधारित रही है. हम आतंकवाद और बंधक बनाए जाने की घटनाओं की भी निंदा करते हैं. लेकिन, निर्दोष नागरिकों की लगातार मौत से हम भारी दुख में हैं. यह बयान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में जीसीसी की पहली मंत्री स्तरीय बैठक के दौरान दिया.
हम जल्द से जल्द युद्धविराम का करते हैं समर्थन- एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि किसी भी कार्रवाई में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए होना चाहिए. हम जल्द से जल्द युद्धविराम का समर्थन करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा द्वि-राज्य समाधान के जरिए फलस्तीन के मुद्दे के समाधान का समर्थन किया है और फलस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में योगदान दिया है. विदेशमंत्री ने आगे कहा कि जहां तक मानवीय स्थिति का सवाल है, हमने राहत प्रदान की है तथा संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को अपना सहयोग बढ़ाया है.
एस. जयशंकर ने आगे कहा, रणनीतिक वार्ता के लिए पहली भारत-जीसीसी मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेना उनके लिए बहुत खुशी की बात है. विदेशमंत्री ने कहा कि यह बैठक न केवल उपलब्धियों पर विचार करने का अवसर है, बल्कि भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी और दूरगामी मार्ग तैयार करने का अवसर भी है. उन्होंने आगे कहा कि भारत और जीसीसी के बीच संबंध इतिहास, संस्कृति और साझा मूल्यों के समृद्ध ताने-बाने में निहित हैं. ये संबंध समय के साथ मजबूत होते गए हैं और एक साझेदारी के रूप में विकसित हुए हैं, जो अर्थशास्त्र, ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, लोगों के बीच संबंधों और उससे भी आगे तक फैली हुई है.
हमारे लोगों के बीच संबंध हमारे रिश्तों की नींव हैं- विदेश मंत्री
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे लोगों के बीच संबंध हमारे रिश्तों की नींव हैं. करीब 90 लाख भारतीय यहां रहते हैं, जो हमारे बीच एक जीवंत सेतु का काम करते हैं. आपकी आर्थिक प्रगति में उनके योगदान को व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है. हम उनके कल्याण और सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए आपको धन्यवाद देते हैं. उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और नवाचार, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष और शिक्षा के क्षेत्रों में हमारी साझेदारी हमारे संबंधित राष्ट्रीय लक्ष्यों को साकार करने में भी मदद कर सकती है.