इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 117 पुलिसकर्मियों के मामले में पुलिस विभाग के आलाधिकारियों से किया जवाब तलब

Must Read
Prayagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, बरेली, कानपुर नगर एवं प्रयागराज में तैनात दरोगा एवं फायर स्टेशन द्वितीय ऑफिसर, धर्मेन्द्र यादव व सैकड़ों अन्य दरोगाओं की याचिका पर पुलिस विभाग एवं अग्निशमन विभाग के आला अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुये जवाब तलब किया है। यह आदेश माननीय न्यायमूर्ति जे०जे०मुनीर ने पुलिस विभाग एवं अग्निशमन विभाग में कार्यरत सैकड़ों दरोगाओं/फायर स्टेशन द्वितीय ऑफिसर की याचिकाओं में पारित किया है। याचीकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं सहायक अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम ने याचीकर्ताओं का पक्ष रखा। कोर्ट ने संयुक्त सचिव गृह, डी०जी०पी० उत्तर प्रदेश लखनऊ व डी०जी० फायर सर्विस, लखनऊ को उक्त आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा रजिस्ट्रार कम्पलाइन्स इलाहाबाद हाईकोर्ट को 48 घण्टे के अन्दर सूचित करने के लिये आदेशित किया है।
मामले के तथ्य है कि 17 जुलाई 2016 को 2707 उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस, प्लाटून कमाण्डर पी०ए०सी० एवं अग्निशमन अधिकारी द्वितीय के पदों पर सीधी भर्ती वर्ष 2016 के लिये उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा विज्ञप्ति निकाली गयी थी। सभी याचीगणों ने, जो कि विज्ञप्ति की सभी अर्हतायें पूर्ण करते थे, आवेदन किया था। सभी याचीगणों ने ऑन लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा एवं शारीरिक मानक परीक्षा तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात अन्तिम चयन सूची में 28 फरवरी, 2019 चयनित हुये। उ०प्र० पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ द्वारा कुल चयनित 2181 दरोगा, प्लाटून कमाण्डर एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी की सूची जारी की जिसमें सभी प्रार्थीगण भी चयनित थे। तत्पश्चात सभी चयनित दरोगाओं, प्लाटून कमाण्डर एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारियों का मेडिकल कराने के पश्चात जून/जुलाई, 2019 में ट्रेनिंग में भेज दिया गया।
असफल अभ्यर्थियों ने चयन सूची 28 फरवरी, 2019 के विरुद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिकाएँ ग्रुप वाइज दाखिल करके चुनौती दी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सभी याचिकाओं को कनेक्ट करके बन्च केस बना दिया एवं लीडिंग याचिका संख्याः 23733/2018 (अतुल कुमार द्विवेदी व अन्य बनाम उ०प्र० सरकार व अन्य) तथा कनेक्टेड याचिकाओं पर 11 अक्टूबर, 2019 को असफल अभ्यर्थियों की याचिकाएँ स्वीकार करते हुये चयन-सूची 28 फरवरी 2019 रद्द कर दी तथा उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को नये सिरे से चयन सूची बनाने के निर्देश जारी किये और आदेशित किया कि 6 सप्ताह के अन्दर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें तथा नये सिरे से चयनित अभ्यर्थियों को ट्रेनिंग पर भेजे।
हाईकोर्ट के इस आदेश 11 अक्टूबर, 2019 के पश्चात सभी चयनित दरोगाओं, प्लाटून कमाण्डरों तथा फायर स्टेशन के द्वितीय ऑफिसरों को जून/जुलाई वर्ष 2020 में ट्रेनिंग सेन्टर से बगैर ट्रेनिंग कराये उनके घर वापस कर दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश 11 अक्टूबर, 2019 के विरूद्ध उ०प्र० सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एस०एल०पी० नम्बर 228, 229, 230, 231, 232, 233, 234 व 235/2022 (स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश बनाम अतुल कुमार द्विवेदी व अन्य) योजित की जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 07 जनवरी, 2022 को उ०प्र० सरकार की एस०एल०पी० स्वीकार कर ली एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश 11 अक्टूबर, 2019 को निरस्त कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने यह आदेश जारी किया कि जो बोर्ड द्वारा 28 फरवरी, 2019 को चयन सूची जारी की गयी है, उसे तुरन्त प्रभावी किया जाय।
यह कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश 07 जनवरी, 2022 के अनुपालन में सभी याधीगणों को दुबारा ट्रेनिंग पर वापस बुला लिया गया एवं सभी याचियों की ट्रेनिंग पूर्ण कराकर उन्हें पोस्टिंग प्रदान कर दी गयी। याचीगणों ने संयुक्त रूप से याचिका दाखिल करते हुये जून/जुलाई वर्ष 2019 से उनकी सेवाओं को निरन्तर मानते हुये वरिष्ठता देने के सम्बन्ध में तथा बीच की अवधि (Intervining Period) के वेतन व भत्ते दिये जाने के लिये मॉग की है। याचीगणों ने यह भी मोंग की है कि प्रशिक्षण की अवधि जून/जुलाई वर्ष 2019 से जोड़ते हुये सेवा में निरन्तर माना जाय तथा तभी से वेतन वृद्धि व अन्य लाभ प्रदान किये जाय। वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना था कि उत्तर प्रदेश सब इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर (सिविल पुलिस) सेवा नियमावली-2015 के नियम 22(2) में यह स्पष्ट प्रावधान है कि चयन का दिनांक वह माना जायेगा, जिस दिन चयन समिति द्वारा चयन प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात चयन लिस्ट जारी की गयी हो। क्योंकि इस चयन प्रक्रिया की चयनित लिस्ट 28 फरवरी, 2019 को भर्ती बोर्ड द्वारा जारी की गयी है, इसलिये सभी याचीगण इसी दिनांक से सेवा के सभी लाभ पाने के हकदार है।
Latest News

अब युवाओं के हाथों में भारत का भविष्य, बोले डॉ. राजेश्वर सिंह- ‘भारत को 2047 तक 15 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी… ‘

Thoughts Of Dr Rajeshwar Singh: बीजेपी के लोकप्रिय नेता एवं सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) युवाओं...

More Articles Like This