Russia Ukraine peace Plan: जुलाई के महीने में पीएम मोदी ने रूस की यात्रा की थी. वहीं, अगस्त के महीने में उन्होंने यूक्रेन की यात्रा की. पीएम मोदी की दोनों देशों की यात्रा ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति बहाल की उम्मीदों को बढ़ा दिया है. भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों देशों को युद्ध में शांति के लिए प्रेरित किया था. दोनों देशों के राष्ट्रपति से पीएम मोदी की गर्मजोशी वाली मुलाकात ने दोनों देशों में युद्ध विराम की संभावनाओं को बल दिया है. यूक्रेन और रूस के बीच हो रहे युद्ध के दौरान पूरी दुनिया की निगाहें भारत की भूमिका पर टिकीं हैं. विश्व के तमाम देशों को उम्मीद है कि भारत चाहे तो युद्ध में शांति बहाल करा सकता है.
दोनों देशों में शांति बहाल के लिए भारत ने कदम बढ़ाना शुरु कर दिया है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय जर्मनी में हैं. अपनी जर्मनी की यात्रा के दौरान उन्होंने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज से मुलाकात की. इसके अलावा वार्षिक राजदूत सम्मेलन में वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव समेत अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से मिले थे. इस मुलाकात के दौरान भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति के लिए सभी को प्रेरित किया था.
इसके बाद अब भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस मुद्दे का समाधान खोजने के लिए मॉस्को में हैं. इससे पहले अजीत डोभाल ने अमेरिकी एनएसएस से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद दावा किया गया कि भारत की ओर से तैयार युद्ध शांति के एक मसौदे को वह रूस के राष्ट्रपति पुतिन के समक्ष पेश करेंगे. अगर भारत रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने में सक्षम होता है कि यह विश्व के मानस पटल पर देश की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. वहीं, भारत की विदेश नीति का डंका भी बजेगा.
क्या बोले विदेश मंत्री
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय जर्मनी की यात्रा पर हैं. जहां पर उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए तैयार है. इस बाबत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एनएसए की एक महत्वपूर्ण बैठक करने के लिए मॉस्को में हैं. रूस और यूक्रेन को युद्ध के मैदान से बाहर बातचीत करके अपने संघर्ष को हल करना होगा और भारत उन्हें सलाह देने को तैयार है.
जानकारी दें कि एस जयशंकर ने यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर की है, जब भारतीय सुरक्षा सलाहकार पीएम मोदी की प्रस्तावित एक शांति योजना को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात करने वाले हैं.
भारत का प्रस्ताव रूस और यूक्रेन करेंगे स्वीकार?
भारत के शांति प्रस्ताव को रूस और यूक्रेन स्वीकार करेंगे या नहीं इसको लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है. हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति को लेकर पहले प्रस्ताव में रूस को तैयार कर दिया है. इसको अब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के सामने पेश किया जाना है. भारत ने संघर्ष को समाप्त करने में दोनों देशों को मदद की पेशकश की है.
दरअसल, अपनी यूक्रेन की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वज़ेलेंस्की से कहा था कि भारत शांति बहाल करने के हर प्रयास में “सक्रिय भूमिका” निभाने के लिए हमेशा तैयार है और वह संघर्ष को समाप्त करने में व्यक्तिगत रूप से योगदान देना चाहेंगे. जानकारी दें कि पीएम मोदी केवल एक ऐसे नेता हैं जिनके यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. यही सबसे खास वजह है कि दोनों देशों की उनकी हालिया यात्राओं के दौरान दोनों नेताओं ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया था.
राष्ट्रपति पुतिन को भारत से उम्मीद
उल्लेखनीय है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल के दिनों में कहा था कि भारत उन तीन देशों में शामिल है, जिनसे वह यूक्रेन संघर्ष में शांति को लेकर लगातार संपर्क में हैं और इसे सुलझाने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं. पुतिन ने कहा कि अगर यूक्रेन की इच्छा है कि वह बातचीत जारी रखे तो मैं ऐसा कर सकता हूं. रूस के राष्ट्रपति पुतिन की यह टिप्पणी पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के 2 हफ्तों के भीतर आई थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के समाप्त होने की आशा जगी थी.
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि हम अपने दोस्तों और साझेदारों का सम्मान करते हैं. मेरा मानना है कि वे ईमानदारी से इस संघर्ष से जुड़े सभी मुद्दों को हल करना चाहते हैं. इसमें मुख्य रूप से भारत, चीन और ब्राजील हैं.
जर्मन चांस्लर से क्या हुई एस जयशंकर की बात?
जर्मनी के दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी यात्रा के दौरान जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज मुलाकात की. एस जय शंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज को शुभकामनाएं भी दीं. वर्तमान में विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत जर्मनी में हैं. एस जयशंकर ने ‘भारत-खाड़ी सहयोग परिषद मंत्रिस्तरीय बैठक’ में भाग लेने के बाद सऊदी अरब से यहां पहुंचे हैं. इस यात्रा के दौरान उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ” ‘आज बर्लिन में चांसलर ओलाफ शोल्ज से मिलकर सम्मानित महसूस हुआ. उन्हें प्रधानमंत्री मोदी की ओर व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं. सातवें अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) के लिए उनकी भारत यात्रा की प्रतीक्षा है.”