Hijab Ban in Tajikistan: इस्लामिक देश ताजिकिस्तान में पिछले 30 साल से देश की सत्ता पर काबिज तानाशाह इमोमाली ने देश की मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही पुरूषों के बड़ी दाढ़ी रखने पर भी रोक लगा दी गई है. इतना ही नहीं इस नियमों का पालन न करने वालों पर जुर्माने और सजा का भी नियम बनाया गया है. इमोमाली का मानना है कि इन नियमों को लागू करके देश में फैल रहे कट्टरपंथ पर रोक लगाया जा सकेगा है.
बता दें कि ताजिकिस्तान एक मुस्लिम देश है, जहां 98 प्रतिशत लोग इस्लाम को मानते है. ताजिकिस्तान अफगानिस्तान, चीन, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान की सीमाओं से घिरा है. वहीं मौजूदा समय में आतंकवादी घटनाओं के चलते यह अंतरराष्ट्रीय निगरानी में है.
आतंकी हमले में शामिल ताजिकिस्तानी
दरअसल, मार्च 2024 में रूस की राजधानी मॉस्को में हुए आतंकी हमले में ताजिकिस्तान के 4 आतंकियों के शामिल होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद से सरकार ने देश में इस्लामिक पहनावे और पहचान को खत्म करना शुरू कर दिया है.
सैलरी से कई गुना ज्यादा जुर्माना
नए कानून के तहत सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर दाढ़ी काटने का आदेश दिया है. जिसके लिए सरकार ने मोरल पुलिस की तैनाती की है. साथ ही इन कानूनों का पालन न करने वाले को 1 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना व सजा देने का आदेश दिया गया है. ताजिकिस्तान की आर्थिक स्थिति देखें तो यहां औसत मासिक वेतन करीब 15 हजार है. जिसकी वजह से देश में जुर्माने को लेकर बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है.
हिजाब बैन पर विशेषज्ञों की राय
वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस नए कानून से देश में असंतोष बढ़ रहा है. यह तरीका कट्टरपंथ को रोकने के बजाय और भी भडकाने का कारण बन सकता है. वहीं, मानवाधिकार विशेषज्ञ लरिसा अलेक्जांडरोवा ने कहा कि सरकार असली समस्याओं जैसे गरीबी, भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता से निपटने के बजाय सतही उपाय कर रही है. उन्होंने कहा कि इमोमाली सरकार का ध्यान गलत दिशा में है.
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