Monkeypox: मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल है, जिसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) समेत दुनियाभर की स्वास्थ्य एजेंसियां लोगों को बचने की सलाह दे रही है. इस वायरस की शुरूआत अफ्रीकी देशों से हुआ जो अब यूएस-यूके सहित भारत में ऐंट्री कर चुका है.
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि वैसे तो संक्रमण को लेकर भारत के लोगों को ज्यादा चिंता करने आवश्यकता नहीं है, हालांकि सुरक्षात्मक उपायों का ध्यान रखा जरूरी है. बता दें कि ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने, यौन संबंध बनाने, शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क के कारण फैलता है. फिलहाल इसके उपचार के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है.
चिकनपॉक्स वाला टीका एमपॉक्स में भी असरदार
इस बीच वायरल संक्रमण से बचाव के लिए वैज्ञानिकों ने एक टीके को अध्ययनों में विशेष प्रभावी पाया है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इससे संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने पाया है कि अब तक चेचक (चिकनपॉक्स) बीमारी की रोकथाम में प्रयोग में लाया जाने वाला टीका-बवेरियन नॉर्डिक ए/एस काफी हद तक मंकीपॉक्स संक्रमण से बचाव में भी असरदार साबित हो सकता है.
दरअसल, कनाडा के ओंटारियो में किए गए एक अध्ययन के अनुसार इस टीके को एमपॉक्स संक्रमण के खिलाफ लगभग 58% सुरक्षात्मक पाया गया है. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस टीके ने संभवतः साल 2022 में मंकीपॉक्स प्रकोप को रोकने में काफी मदद की थी.
एक शॉट से भी मिल सकती है सुरक्षा
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस टीके की दो खुराक ही काफी है, वहीं, सिंगल शॉट देकर भी संक्रमण के खतरें को कम किया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि एकल खुराक की मध्यमस्तरीय प्रभावशीलता को देखते हुए, दोनों डोज के साथ उच्च कवरेज प्राप्त करना आसान हो सकता है. साथ ही ये वैश्विक स्तर पर चल रहे संक्रमण को रोकने और प्रबंधित करने में काफी अहम साबित हो सकता है. फिलहाल इन टीकों के नैदिनक परीक्षण शुरू किए जा रहे हैं जिससे इसकी प्रभाविकता का व्यापक आकलन किया जा सके.
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