Pitru Paksha: पितृपक्ष में देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए या नहीं, जानिए क्या है नियम

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pitru Paksha God Puja Rules: इस साल 18 सितंबर से पितृपक्ष माह की शुरुआत हो रही है. पितृपक्ष का समय पितरों को अर्पित है. इस दौरान लोग अपने पूर्वजों के नाम पूजा-श्राद्ध करते हैं और उनका तर्पण करते हैं. अब कई लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि पितृपक्ष में पितरों की पूजा की जाती है तो देवी-देवता की पूजा करनी चाहिए या नहीं, क्योंकि सनातन धर्म में देवी-देवताओं के साथ पितरों की तस्वीर लगाना और पूजा करना वर्जित है. आइए काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य से जानते हैं कि पितृपक्ष में पितरों की पूजा करनी चाहिए या नहीं…

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से पितृपक्ष की शुरुआत होती है. इसका समापन 15 दिन बाद अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन होता है. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनके निमित्त श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है. पितृपक्ष के दौरान सभी मांगलिक व शुभ कार्यों की मनाही होती है. शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों के साथ देवी-देवताओं की पूजा नहीं करना चाहिए. आइए दूर करते हैं इस कन्फ्यूजन को.

पितृपक्ष में देवी देवता की पूजा करनी चाहिया या नहीं?

काशी के ज्योतिष मर्मज्ञ श्रीनाथ प्रपन्नाचार्य की मानें तो पितृपक्ष के दौरान हमारे पितर धरती पर वास करते हैं. ऐसे में इस दौरान पितरों की पूजा करने और उनके नाम श्राद्ध और पिंडदान करने से वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों का आशीर्वाद देते हैं. जिससे परिवार के सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है, लेकिन सवाल यह कि क्या पितृ पक्ष में देवी देवता की पूजा करनी चाहिए, तो हम आपको बता दें कि पितृ पक्ष के दौरान रोज की तरह ही देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि पितर देव हमारे लिए जरूर पूज्यनीय हैं. लेकिन हमारे ईश्वर से उच्च नहीं हैं. हालांकि इस दौरान कुछ बातों का ध्यान देना जरुरी होता है. आइए जानते हैं कौन सी हैं वो बातें….

इन बातों का रखें ख्याल-

  • घर की मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमा के साथ पूर्वजों की तस्वीर न रखें. ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर में वास्तु दोष भी लगता है.
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर हमेशा घर में इस हिसाब लगाएं कि जहां उनका मुख दक्षिण दिशा की तरफ रहे.
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पितरों की एक से अधिक तस्वीर नहीं लगानी चाहिए.
  • पितृपक्ष के दौरान प्रातः काल स्नान करने के बाद नित्य की तरह ही देवी-देवता की पूजा करनी चाहिए.
  • देवी देवताओं के पूजा के बिना पितृपक्ष में श्राद्ध, पिंडदान इत्यादि का फल नहीं मिलता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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