Elon musk and australia misinformation law: विश्व के सबसे अमीर शख्स और मशहूर उद्योगपति एलन मस्क एक बार फिर से ऑस्ट्रेलियाई सरकार से भिड़े हैं. ऑस्ट्रेलिया की सरकार को उन्होंने फासीवादी बताया है. जानकारी के मुताबिक हाल के दिनों में ऑस्ट्रेलिया में ऑनलाइन गलत सूचनाएं रोकने के लिए एक नया कानून प्रस्तावित किया है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य है कि गलत सूचनाएं रोकने में विफल रहने पर सोशल मीडिया कंपनी पर भारी जुर्माना लगाना है. इसी कानून की आलोचना एलन मस्क ने की है और ऑस्ट्रलिआई सरकार को उन्होंने फासीवादी बताया है.
ऑस्ट्रेलिया के इस कानून से नाराज हैं मस्क
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की लेबर सरकार ने गुरुवार को एक कानून वहां की संसद में पेश किया. इस कानून का मुख्य उद्देश्य गलत सूचनाओं पर रोक लगाना है. इस कानून के अंतर्गत गलत सूचना को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों पर उनके वैश्विक राजस्व का 5% तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य दिग्गज सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम लगाने के दृषिकोण से देखा जा रहा है. इसी के साथ इस कानून को लेकर विश्व के कई देशों में बात हो रही है.
ऑस्ट्रेलिया के नए कानून के अनुसार तकनीकी प्लेटफॉर्म को झूठ और भ्रामक खबरों को फैलने से रोकने के लिए आचार संहिता निर्धारित करनी होगी. वहीं, यह आस्ट्रेलिया की सरकार के नियामक द्वारा आचार संहिता को अनुमोदित किया जाएगा. वहीं, अगर कोई प्लेटफॉर्म ऐसा करने में विफल होता है तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा.
पहले भी ऑस्ट्रेलिया की सरकार से भिड़े हैं एलन
एलन मस्क अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर काफी मुखर रहते हैं. हाल के दिनों में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया और ऑस्ट्रेलिया की सरकार की आलोचना की. इसके साथ सरकार को फासीवादी भी बताया.
गौरतलब है कि सिडनी में एक बिशप पर चाकू से हमले की घटना घटी थी. इस पर ऑस्ट्रेलिया के साइबर नियामक ने सोशल मीडिया कंपनियों से इस घटना संबंधी पोस्ट हटाने का आदेश दिया था. इस आदेश के विरोध में मस्क कोर्ट चले गए थे. इस मामले पर ही ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी एल्बनीज ने मस्क को ‘घमंडी अरबपति’ बताया था.