रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे मोहम्मद सूफियान लौटे स्वदेश, PM मोदी का जताया आभार; सुनाई आपबीती

Shubham Tiwari
Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shubham Tiwari
Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे जंग में कई भारतीय युवक फंसे हुए थे. जो रूसी सैनिक के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे. इन्हें पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद रूस ने कार्यमुक्त कर दिया है और उन्हें स्वदेश वापस लौटने की इजाजत दे दी है. रूसी सेना में अवैध तरीके से भर्ती किए गए 45 युवक वापस स्वदेश आ गए हैं. भारतीय युवकों में तेलंगाना निवासी मोहम्मद सूफियान भी शामिल था. जिसने स्वदेश वापस आने के बाद पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है.

तेलंगाना निवासी मोहम्मद सूफियान महीनों तक यूक्रेन-रूस की युद्धग्रस्त सीमा पर फंसे रहने के बाद वापस लौट सका है. तेलंगाना के 22 वर्षीय युवक सूफियान ने बताया कि उसे वापसी की कोई उम्मीद नहीं थी. उसने कहा कि उसे अब भी यह यकीन नहीं हो रहा कि वह स्वदेश लौट आया है. सूफियान ने रूस-यूक्रेन युद्ध को बहुत भयावह बताया. साथ ही उसने सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी और केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया.

सूफियान ने बताई आपबीती…

स्वदेश लौटे मोहम्मद सूफियान ने कहा, ‘‘मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं घर लौट आया हूं. वहां जारी युद्ध के भयावह दृश्य अभी भी मेरे जहन में ताजा हैं. सूफियान यूक्रेन के साथ युद्ध में रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के तौर पर काम कर रहा था और शुक्रवार रात वह सुरक्षित घर लौट आया. सूफियान तेलंगाना के नारायणपेट जिले का निवासी है. उसने वापसी में मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तेलंगाना सरकार और मीडिया को धन्यवाद दिया. सूफियान ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि मुंबई स्थित एक रोजगार एजेंट ने उसे सुरक्षाकर्मी की नौकरी देने का वादा किया था, जिसके बाद वह दिसंबर 2023 में चेन्नई और दुबई के रास्ते रूस पहुंचा.

सूफियान ने बताया आंखों देखा हाल

सूफियान ने बताया कि उसे रूस-यूक्रेन सीमा पर ले जाया गया और वहां प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद उसे वाहनों में सामान भरने और बंकर बनाने जैसे काम सौंपे गए. सूफियान और उसके जैसे अन्य लोगों को एहसास हुआ कि उन्हें गुमराह किया गया है, लेकिन वे मुख्य एजेंट से संपर्क स्थापित नहीं कर सके. सूफियान ने बताया कि उसे अग्रिम मोर्चे के करीब तैनात किया जाया गया, जहां युद्ध के कारण उसे रात को नींद नहीं आती थी, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई. सूफियान ने बताया कि बाद में जब उसने अपनी समस्या सुनाई, तो उसे अग्रिम मोर्चे से करीब 60 किलोमीटर दूर रूस के नियंत्रण वाले यूक्रेनी क्षेत्र में एक ‘ग्रीन जोन’ में स्थानांतरित कर दिया गया.

8 महीने जंगल में रहे…

सूफियान ने कहा, ‘‘हम आठ महीने तक जंगल में रहे. केंद्र सरकार ने मॉस्को से दिल्ली पहुंचने के लिए हवाई टिकट की व्यवस्था की’’ सूफियान के परिवार ने इस साल जुलाई में बातचीत के दौरान उम्मीद जताई थी कि प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के बाद उनका बेटा घर लौट आएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष रूसी सेना के साथ ‘सहायक कर्मी’ के तौर पर काम कर रहे भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द वापस भेजने के मुद्दे को ‘बहुत मजबूती’ के साथ उठाया था, जिसके बाद पुतिन ने इस मांग पर सहमति जताई थी.

 

 

Latest News

बोतल में लगाना चाहते हैं मनी प्लांट? जान लें ये सीक्रेट तरीका, तेजी से ग्रो करेगा पौधा

Money Plants Grow in a Bottle of Water: प्राकृतिक से प्रेम करने वाले लोग अक्‍सर अपने घरों को सजाने के...

More Articles Like This