भारत के साथ रिश्ते खराब होने पर पहली बार मुइज्जू् सरकार ने मानी गलती, कहा- अब गलतफ‍हमियां दूर…

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India-Maldives Relations: रूमालदीव के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू को चीन के प्रति झुकाव रखने के लिए जाना जाता है. जब से वह सत्‍ता में आए भारत और मालदीव के बीच खटास पैदा होने लगी. लेकिन अब चीन पस्‍त मोइज्‍जू की अक्‍ल ठिकाने आ गई है. मालदीव को समझ आ गया है कि भारत के साथ अच्‍छे संबंध के बिना उसका काम नहीं चलने वाला है.

भारत के साथ रिश्‍ते खराब होने पर मुइज्‍जू सरकार ने बयान दिया है और अपनी गलती मानी है. मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने माना है कि राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार के शुरुआती दिनों में भारत और मालदीव के संबंध खराब हो गए थे. साथ ही मूसा ने जोर देते हुए कहा कि अब गलतफहमियां दूर हो गई हैं.

मालदीव और भारत में दूर हुई गलतफहमियां

बता दें कि मालदीव के विदेश मंत्री जमीर, वित्त मंत्री मोहम्मद शफीक के साथ श्रीलंका यात्रा पर गए. इस दौरान मूसा जमीर ने शुक्रवार को श्रीलंका की यात्रा के दौरान भारत के रिश्‍ते खराब होने पर बयान दिया. जमीर ने कहा कि भारत के साथ संबंधों में चुनौतियों का सामना करना पड़ा, खास तौर पर मालदीव से भारतीय सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी हटाने के राष्ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्जू के अभियान के बाद से. हांलांकि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच गलतफहमियां दूर हो गई हैं.

‘द एडिशन’ समाचार पत्र ने जमीर के हवाले से लिखा कि आप जानते ही हैं, हमारी सरकार के शुरुआती दिनों में भारत के साथ कुछ तल्खी थी. हमारे भारत और चीन से अच्छे रिश्ते हैं और दोनों देशों ने मालदीव का समर्थन करना जारी रखा है.

मुइज्जू के सत्ता संभालते ही तनाव

मालूम हो कि चीन पस्‍त मोहम्‍मद मुइज्जू  के राष्ट्रपति पद पर काबिज होने के बाद भारत-मालदीव संबंध में खटास पैदा होने लगी थी. शपथ लेने के कुछ ही घंटों के अंदर ही मुइज्जू ने भारत से मालदीव को उपहार में दिए गए तीन सैन्य प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की डिमांग की थी. दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैनिकों की जगह वहां तकनीकी कर्मियों को तैनात किया गया.

मालदीव के तीन उप मंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी किये जाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव और बढ़ गया. हालांकि बाद में मालदीव के विदेश मंत्रालय ने खुद को इन टिप्पणियों से अलग कर लिया और ये तीनों मंत्री भी निलंबित कर दिए गए.

जल्द ही भारत की यात्रा करेंगे राष्ट्रपति

बता दें कि राष्‍ट्रपति मुइज्जू के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति बहुत जल्द ही भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे. जमीर ने मालदीव के समक्ष मौजूद वर्तमान आर्थिक चुनौतियों को अस्थाई  बताया. उन्होंने कहा कि मालदीव का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से राहत पैकेज की गुहार लगाने का कोई प्‍लान नहीं है. मूसा जमीर ने मालदीव सरकार के IMF से बाहरी सहायता मांगे बिना वित्तीय स्थिति से निपटने के प्रति आश्वस्त होने का संकेत देते हुए कहा कि हमारे द्विपक्षीय साझेदार हैं, जो हमारी आवश्‍यकताओं और हमारी स्थिति के प्रति बहुत संवेदनशील हैं.

चीन और भारत के संबंधों की दुहाई

विदेश मंत्री जमीर ने भारत और चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती का भी उल्लेख किया. कहा कि ये दोनों देश मालदीव का समर्थन करने में अहम रहे हैं. बता दें कि जमीर की यह टिप्‍पणी मालदीव की फाइनेंशियल पोजिशन के बारे में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की चेतावनियों को देखते हुए आई है. इस समय मालदीव 40.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर के कर्ज में डूबा है.

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