Justin Trudeau: कनाड़ा में मॉन्ट्रियल संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजें मंगलवार को घोषित कर दिए गए, जिसमें लिबरल पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए काफी खतरनाक माना जा रहा है.
उपचुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद पार्टी में ही जस्टिन ट्रूडो का विरोध शुरू हो गया है. कनाडा के इलेक्शन कमीशन ने बताया कि इस सीट पर अलगाववादी ब्लॉक क्यूबेकॉइस उम्मीदवार लुई-फिलिप सॉवे ने लिबरल उम्मीदवार लौरा फिलिस्तीनी को हरा दिया है.
ट्रूडो पर पडेंगा चुनाव के नतीजों का प्रभाव
दरअसल, इस चुनाव में अलगाववादी ब्लॉक क्यूबेकॉइस उम्मीदवार को 28 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि लिबरल उम्मीदवार को 27.2 फीसदी. वहीं, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे, जिन्हें 26.1 फीसदी वोट मिले. ऐसे में जानकारों का मानना है कि इस चुनाव में आए नतीजों का प्रभाव ट्रूडो के राजनीतिक करियर पर पड़ सकता है, क्योंकि कनाड़ा में ट्रूडो 9 साल के कार्यकाल के बाद तेजी से अलोकप्रिय हुए हैं.
महंगाई से परेशान हैं कनाडाई
कनाड़ा में इन स्थितियों के बावजूद भी साल 2025 के अंत में होने वाले आम चुनाव को जस्टिन ट्रूडो अपने नेतृत्व में लड़ना चाहते हैं. जबकि उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की मांग की है. दरअसल, इस वक्त कनाडा के लोग जीवन की बढ़ती लागत और आवास संकट से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि देश में जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता लगातार घट रही है.
ट्रूडो की पार्टी कैसे हुए पीछे?
बता दें कि साल 2021 के आम चुनाव में लिबरल पार्टी ने मॉन्ट्रियल सीट पर 43 प्रतिशत वोट के साथ जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार लिबरल पार्टी को उपचुनाव में मिली यह हार ट्रूडो के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं है. वहीं, हाल ही में लेगर पोल ने बताया था कि इस बार कंजर्वेटिव पार्टी को 45 प्रतिशत समर्थन मिलने की संभावना है, जबकि लिबरल पार्टी 25 फीसदी वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर हो सकती है.
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