Sahara Refund: सहारा स्कीम में पैसा लगाने वालों के लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के छोटे जमाकर्ताओं के लिए वापस की जाने वाली राशि यानी रिफंड की सीमा 5 गुना बढ़ा दी है. रिफंड की सीमा 10000 से बढ़ाकर 50000 रुपये कर दी गई है. बुधवार को सहकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. सरकार ने सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के 4.29 लाख से अधिक जमाकर्ताओं को 370 करोड़ रुपये जारी किए हैं. अधिकारी ने बताया कि रिफंड राशि की लिमिट 50 हजार रुपये तक बढ़ने से अगले 10 दिन में करीब 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. रिफंड जारी करने से पहले सरकार द्वारा जमाकर्ताओं के दावों की जांच की जा रही है.
पिछले साल लॉन्च किया गया था पोर्टल
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल 18 जुलाई CRCS-Sahara रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया था. इसमें सहारा ग्रुप की 4 कोऑपरेटिव सोसाइटीज के निवेशक अपने रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं. इनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (लखनऊ), सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड (भोपाल), स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपेरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (हैदराबाद) और हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव लिमिटेड (कोलकाता) शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के 29 मार्च, 2023 के आदेश के अनुसार, सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) ने 19 मई, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड अकाउंट में 5 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे.
सुप्रीम कोर्ट के जज की नजर
सहारा के निवेशकों को किए जाने वाले रिफंड की प्रक्रिया पर सर्वोच्च न्यायालय के जज आर सुभाष रेड्डी नजर रख रहे हैं. मालूम हो कि सहारा की कंपनियों में देशभर के लाखों निवेशकों ने पैसा जमा किया था लेकिन उन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है. ग्रुप की कुछ कंपनियों के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) और कंपनी कानून के अतंर्गत जांच की जा रही है. पिछले साल ही 14 नवंबर को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो गया था. हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया था कि सहारा ग्रुप की कुछ कंपनियों के खिलाफ चल रही जांच जारी रहेगी.
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