Israel Palestine Conflict: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बुधवार को फिलिस्तीन द्वारा प्रस्तुत एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इस प्रस्ताव में इजरायल से उसकी “अवैध उपस्थिति” को समाप्त करने और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों से हटने की मांग की गई है. इस प्रस्ताव को लेकर की गई वोटिंग में 124 वोट पक्ष में पड़े. जबकि, इजराइल अमेरिका सहित 14 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया. वहीं, भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा सहित 43 देशों ने वोटिंग से किनारा कर लिया.
UN General Assembly ADOPTS resolution demanding that Israel “brings to an end without delay its unlawful presence” in the Occupied Palestinian Territory, and do so within 12 months
Voting result
In favor: 124
Against: 14
Abstain: 43 pic.twitter.com/hIwn7y6EY4— UN News (@UN_News_Centre) September 18, 2024
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को फिलिस्तीन से इजराइल के अवैध कब्जे को हटाने को लेकर प्रस्ताव पास किया गया था. प्रस्ताव उस वक्त पारित हुआ जब वैश्विक नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के लिए न्यूयॉर्क पहुंच रहे हैं. इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, इस प्रस्ताव का कई देश विरोध भी कर रहे हैं.
The United Nations General Assembly on Wednesday voted overwhelmingly to adopt a resolution that demands that Israel “brings to an end without delay its unlawful presence” in the Occupied Palestinian Territoryhttps://t.co/g75KJ2epZx
— UN News (@UN_News_Centre) September 18, 2024
भारत ने किया किनारा
बता दें कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग से किनारा कर लिया. फिलिस्तीन मुद्दे पर जारी प्रस्ताव के वोटिंग में भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और ब्रिटेन समेत 43 देशों ने हिस्सा नहीं लिया. इस प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने मतदान किया.
जानिए क्या है मांग
संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को लेकर जारी प्रस्ताव में मांग की गई थी कि इजराइल ने फिलिस्तीन के क्षेत्र में जो अवैध कब्जा किया है, उसे जल्द से जल्द हटाए और वो भी बिना किसी देरी के 12 महीने के अंदर. इसमें ये भी कहा गया है कि इजराइल को कब्जे वाले फिलिस्तीन क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून के किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करने वाले देश
इजराइल के खिलाफ जारी प्रस्ताव का जिन देशों ने विरोध किया है, उसमें अमेरिका, इजराइल, अर्जेंटीना, चेक रिपब्लिक, फिजी, हंगरी, मलावी, माइक्रोनीशिया, नौरू, पलाउ, पापुआ न्यू गिनी, प्राग, टॉन्गा और टुवालू शामिल हैं.