भारत में मिला मंकीपॉक्स का दूसरा मामला, जानिए कोरोना से कितना खतरनाक है यह संक्रमण?

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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MonkeyPox in India: मंकीपॉक्स अफ्रीकी देश में तेजी से फैल रहा है. इस संक्रमण का मामला अब भारत में भी सामने आया है. हाल के दिनों में विदेश से लौटे एक शख्स में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टी की गई थी. अब देश में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि दुबई से केरल लौटा एक शख्स इस वायरस से संक्रमित मिला है. जानकारी के मुताबिक शख्स का मलप्पुरम जिले में इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टी की है.

दरअसल, इससे पहले 09 सितंबर को देश में पहले मंकीपॉक्स के मरीज मिलने की पुष्टी हुई थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में बाताया था कि विदेश से लौटे एक शख्स को 8 सितंबर को मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था.

सभी राज्य रहें अलर्ट: केंद्र

मंकीपॉक्स के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पिछले दिनों एडवाइजरी जारी कर दी थी. केंद्र ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने को कहा था. केंद्र सरकार का कहना है कि मंकीपॉक्स के मामले सामने न आएं, इसके लिए राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए. केंद्र द्वारा जारी चिट्ठी में कहा गया था कि सभी राज्यों को अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए.

ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है मंकीपॉक्स

जानकारी दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 14 अगस्त को ही मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. पिछले दो सालों में यह दूसरी बार है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. जानकारी दें कि देश में कोविड-19 का पहला मामला भी केरल में ही आया था.

केरल में आया था पहला केस

आपको जानना चाहिए कि भारत में कोविड-19 का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को केरल के तीन शहरों में सामने आए थे. तीन छात्र जो वुहान से लौटे थे उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टी की गई थी. हालांकि, गौर करना चाहिए कि मंकीपॉक्स और कोरोना वायरस दोनों अलग-अलग है. इसके लक्षण भी अलग हैं.

जानिए क्या है कोविड और मंकीपॉक्स में अंतर

जानकारों के अनुसार कोरोना वायरस SARS-COV-2 के कारण होता है. वहीं, मंकीपॉक्स का वायरस Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपॉक्स वायरस है. मंकीपॉक्स के मुकाबले कोरोना कम खतरनाक और घातक है. मंकीपॉक्स के लक्षण कोरोना के लक्षण से ज्यादा गंभीर हो सकते हैं.

  • जहां कोरोना का वायरस फेफड़ों पर हमला करता है तो वहीं मंकीपॉक्स होने पर शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं.
  • कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर 14 दिन के भीतर लक्षण दिख सकते हैं. वहीं, मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर 21 दिनों के भीतर लक्षण सामने आते हैं.
  • कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति 7 दिनों में ठीक हो सकता है, लेकिन मंकीपॉक्स से संक्रमित शख्स को ठीक होने में 2 से 4 हफ्ते भी लग सकते हैं.

मंकीपॉक्स के लक्षण

  • बुखार
  • शरीर में जगह-जगह गांठ बनना
  • सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट
  • ठंड लगना व पसीना आना
  • गले में खराश व खांसी
  • त्वचा पर लाल चकत्ते, फफोले, खुजली, त्वचा पर जख्म

मंकीपॉक्स है खतरनाक

उल्लेखनीय है कि मंकीपॉक्स की बीमारी पीड़ादायक जरुर है, लेकिन यह कोरोना की तरह ज्यादा तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है. जिन लोगों को टीक लगा है या जिनको चेचक हो चुका है, उन लोगों को इस संक्रमण का खतरा ज्यादा है नहीं है.

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