Modi Government Action on Terrorist: दुनिया भर में आतंकी फंडिंग और मनीलांड्रिंग पर निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने भारत को सचेत किया है. एफएटीएफ ने इस्लामिक स्टेट और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों से भारत को खतरा बताया है. साथ ही आतंक के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई की तारीफ की है.
एफएटीएफ के मुताबिक, आतंकवाद और विदेशी फंडिंग मामले में मोदी सरकार की सख्ती से ISIS, अलकायदा से जुड़े तमाम आतंकी संगठन और चरमपंथी भारत को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं. लेकिन मोदी सरकार की सख्ती से अभी वह ऐसा कर नहीं पा रहे हैं.
जानिए क्या कहा एफएटीएफ ने
एफएटीएफ ने कहा है कि भारत को सबसे ज्यादा खतरा जम्मू-कश्मीर में सक्रिय इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा से जुड़े आतंकी समूहों से है. इन संगठनों से उसे आतंकी खतरे का सामना करना भी पड़ रहा है. अभी ये आतंकी नेटवर्क भारत के खिलाफ कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने के फिराक में हैं, लेकिन मोदी सरकार की सख्ती उनके आगे आड़े आ रही. एफएटीएफ ने यह टिप्पणी आतंक के वित्तपोषण और मनी-लॉन्ड्रिंग विरोधी व्यवस्था से निपटने पर जारी ‘पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट’ में की है.
मोदी सरकार के कार्रवाई से एफएटीएफ खुश
बता दें कि भारत को आतंकवादियों से खतरे की चेतावनी देते हुए एफएटीएफ ने आतंक के खिलाफ मोदी सरकार की सख्ती की सराहना करते हुए खुशी जाहिर की है. वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने गुरुवार को कहा कि भारत को इस्लामिक स्टेट या अल-कायदा से जुड़े विभिन्न प्रकार के आतंकवादी समूहों से खतरों का सामना करना पड़ रहा है. यह जम्मू-कश्मीर और उसके आसपास ज्यादा सक्रिय हैं.
एफएटीएफ ने अपनी 68 पन्नों की रिपोर्ट में कहा कि भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण विरोधी प्रणाली लागू की है जो कई मायनों में प्रभावी है. हालांकि, यह नोट किया गया कि मनी-लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए अभी और बड़े सुधारों की आवश्यकता है. जिसमें गैर-लाभकारी क्षेत्र (एनजीओ) को आतंकवादी दुरुपयोग से बचाना जरूरी है. क्योंकि भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मुख्य स्रोत देश के भीतर की गई अवैध गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं.”
एफएटीएफ ने भारत के कदमों को सराहा
ज्ञात हो कि भारत के लिए FATF का आपसी मूल्यांकन का चौथा दौर नवंबर 2023 में हुआ. इस साल 26-28 जून के बीच सिंगापुर में आयोजित एफएटीएफ की बैठक में भारत के लिए पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट को अपनाया गया था, जिसमें कहा गया था कि इसने वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग निगरानी संस्था की आवश्यकताओं के साथ “उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन” हासिल किया है. एफएटीएफ ने भारत को “नियमित अनुवर्ती” श्रेणी में रखा था. वैश्विक निगरानी संस्था द्वारा दी गई उच्चतम रेटिंग और यूके, फ्रांस, इटली सहित केवल चार अन्य जी20 देशों द्वारा यह अंतर साझा किया गया.
गंभीर आतंकवाद का सामना कर रहा भारत
अवैध वित्तपोषण से निपटने के लिए देश के उपायों के संयुक्त एफएटीएफ-एपीजी-ईएजी मूल्यांकन से यह निष्कर्ष निकलता है कि भारत ने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और काउंटर-टेररिस्ट फाइनेंसिंग (एएमएल/सीएफटी) ढांचे को लागू किया है जो जोखिम समझ, पहुंच सहित अच्छे परिणाम प्राप्त कर रहा है. मूल्यांकन के बाद, भारत को “नियमित अनुवर्ती” में रखा गया है. एफएटीएफ ने कहा कि भारत गंभीर आतंकवाद का सामना कर रहा है.