New Delhi: शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित दूसरे वैश्विक खाद्य विनियामक समिट में WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम ग्रेब्रेयेसस ने असुरक्षित भोजन से निपटने में खाद्य नियामकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के महानिदेशक ने बताया कि इससे हर साल खाद्य जनित बीमारियों के 60 करोड़ मामले सामने आते हैं और 4,20,000 लोगों की मौत हो जाती है. शिखर सम्मेलन में एक वीडियो संदेश में ग्रेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन, नई प्रौद्योगिकियों, जनसंख्या वृद्धि, वैश्वीकरण तथा औद्योगीकरण के वजह से हमारी खाद्य प्रणालियां कई चुनौतियों से जूझ रही है.’’
मरने वालों में 70% पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे
ग्रेब्रेयेसस ने बताया कि असुरक्षित भोजन के वजह से मरने वालों में 70 प्रतिशत पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे होते हैं. उन्होंने कहा कि इन वैश्विक चुनौतियों से निपटने में खाद्य नियामक समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है. डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने समन्वित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया, क्योंकि 30 लाख से अधिक लोग पौष्टिक आहार का खर्च वहन नहीं कर सकते.
सेफ फूड के लिए सहयोग जरूरी
टेड्रोस एडनोम गेब्रेयेसस ने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी के लिए सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करने के लिए सपोर्ट जरूरी है, क्योंकि खाद्य प्रणालियां सीमाओं तथा महाद्वीपों से परे हैं. बता दें कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, स्वास्थ्य सचिव तथा एफएसएसएआई के अध्यक्ष अपूर्वा चंद्रा, खाद्य मंत्री प्रहलाद जोशी, कोडेक्स के अध्यक्ष स्टीव वेयरने और एफएसएसएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जी कमला वर्धन राव शामिल हुए.
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