UNHRC Meeting: जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है. बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा को भारत के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने करारा जवाब दिया. क्षितिज त्यागी ने मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कश्मीर के तेजी से हो रहे विकास पर रोशनी डाली और इसके बजट की तुलना पाकिस्तान के आईएमएफ बेलआउट अनुरोध से करते हुए उसे आईना भी दिखाया.
जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग
त्यागी ने कहा कि तथ्य यह है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा.’ भारतीय प्रतिनिधि ने 2024 के आम चुनाव को जिक्र करते हुए कहा कि ‘जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के पहले फेज में उत्साहपूर्ण और उच्च मतदान हुआ है, यह एक फैक्ट है. जम्मू-कश्मीर में तेजी से विकास हो रहा है और इसका बजट उस बेलआउट पैकेज से दोगुना है, जितना पाकिस्तान ने आईएमएफ से मांगा है. यह एक तथ्य है.’
कश्मीरी मुस्लिम ने खोली पाकिस्तान की पोल
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारतीय कश्मीरी मुस्लिम जावेद बेग ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के नागरिकों पर हो रहे अत्याचार की पोल खोली. उन्होंने कहा कि यहां पर लोग गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन, गंभीर दमन और संस्थागत उत्पीड़न से पीड़ित हैं. ऐसी कई रिपोर्ट हैं, जो वहां पर लोगों को अगवा किए जाने, हत्या किए जाने और मनमाने ढंग से हिरासत लिए जाने के बारे में बताती है.
भारतीय कश्मीरी मुस्लिम तहमीना रिजवी ने UNHRC के 57वें सेशन में कश्मीर में शांति, सुरक्षा और महिलाओं पर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने इस बात पर फोकस किया कि एक विविधतापूर्ण देश होने के नाते भारत में सामाजिक भिन्नताएं भी हैं, लेकिन ये भारत को विकास की ओर बढ़ने से नहीं रोकती हैं.
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