यमन में होगा शांति समझौता! राजी हुए हूती विद्रोही, सामने रखीं अपनी शर्तें

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Yemen: यमन में हूती विद्रोही अब सरकार के साथ शांति चाहते हैं. हूती विद्रोहियों ने कहा है कि उनका समुह यमन की सरकार और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ शांति समझौते के लिए तैयार है. हालांकि इसके लिए हूती के सुप्रीम राजनीतिक परिषद के प्रमुख महदी अल-मशात ने कुछ शर्तें भी सामने रखी हैं. अल-मशात ने कहा कि शांति के लिए एकमात्र रास्ता है- यमनियों को वेतन देना, यमन के हवाई अड्डों और बंदरगाहों को खोलना और सभी कैदियों को मुक्‍त करना.

 2014 से हुतियों के कब्‍जे में कई प्रांत  

शुक्रवार को अल-मशात ने राजधानी सना पर हूती के कब्जे की 10वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर एक टेलीविजन भाषण में यह बात कही. बता दें कि यमन में 2014 से तनाव की स्थिति है. साल 2014 मे हुतियों ने कई उत्‍तरी प्रांतो पर अपना नियंत्रण किया था. हूती प्रमुख ने कहा कि शांति की जरुरतों में मुआवजे का भुगतान, नुकसान की भरपाई और यमन गणराज्य से सभी विदेशी शक्तियों की पूरी तरह से वापसी भी शामिल है. हाल ही में हूती विद्रोहियों के हमले में तीन सैनिक मारे गए और पांच घायल हो गए। यह हमला दक्षिणी यमनी प्रांत ढाले में हुआ था हालांकि हूतियों ने हमले को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की.

हूती लंबे समय से यमन में संघर्ष

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, एक सूत्र ने बताया कि हूती समुह ने रविवार सुबह एक सरकारी सैन्य ठिकाने पर तोपखाने और रॉकेट हमले किए. यह हमला उत्तर-पश्चिमी ढाले प्रांत के कताबा जिले के बाब गलाक क्षेत्र में हुआ. मरने वाले सैनिकों में सैन्य अड्डे के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद अल-हमीदी भी शामिल हैं. यमन 2014 से ही विनाशकारी संघर्ष में अटका हुआ है. 21 सितंबर, 2014  यानी आज ही के दिन हूती विद्रोहियों ने कई उत्तरी प्रांतों पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मान्यता प्राप्त यमन की सरकार को राजधानी सना से बाहर जाना पड़ा था.

पिछले साल अक्टूबर से गाजापट्टी में जारी हमास और इजरायल तनाव के बाद हूती विद्रोहियों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में व्यापारिक जहाजों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले करने शुरू दिए. हूतियों का कहना है कि वे ये जंग में फिलिस्तीनियों के प्रति समर्थन जाहिर करने के लिए कर रहे हैं. माना जाता है हूती विद्राहियों को ईरान का समर्थन हासिल है.

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