Quad Summit 2024: अमेरिका में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए. इस शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन जंग से लेकर दुनिया में आतंकवाद और चीन को लेकर चर्चा की गई. इसके बाद चारों देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया है. आइए जानते हैं संयुक्त बयान में क्या बोले क्वाड के नेता…
दरअसल, क्वाड समिट में शामिल चारों देशों अमेरिका, भारत , जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य जारी किया है. क्वाड नेताओं ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि हम पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं. हम विवादित विशेषताओं के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने वाले युद्धाभ्यासों के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं.
दक्षिण चीन सागर को लेकर जारी हुआ संयुक्त बयान
क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया ”हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए”
QUAD Leaders’ Joint Statement: “…We are seriously concerned about the situation in the East and South China Seas. We continue to express our serious concern about the militarization of disputed features, and coercive and intimidating maneuvers in the South China Sea. We condemn… pic.twitter.com/a0o8ef3JI5
— ANI (@ANI) September 22, 2024
यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर जताई चिंता
क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया “हम यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जिसमें भयानक और दुखद मानवीय परिणाम शामिल हैं.
उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों की निंदा
क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया “हम उत्तर कोरिया के अस्थिर करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों की निंदा करते हैं. ये प्रक्षेपण अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं.”
आतंकवाद की निंदा
क्वाड नेताओं के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया ”हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं, जिसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लेकर भी जारी हुआ संयुक्त वक्तव्य
क्वाड नेताओं ने अपने संयुक्त वक्तव्य में यह भी कहा ”संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और अस्थायी श्रेणियों में विस्तार के माध्यम से इसे और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता को पहचानते हुए हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करेंगे. स्थायी सीटों के इस विस्तार में सुधारित सुरक्षा परिषद में अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन का प्रतिनिधित्व शामिल होना चाहिए.”