आतंकी Yasin Bhatkal 13 साल बाद करेगा अपनी मां से बात, जानिए क्यों कोर्ट ने दी परमिशन?

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश जारी किया है. कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को वीडियो कॉन्फ्रेंस से उसकी बीमार मां से बात करने की इजाजत दी है. 

आपको बता दें कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर ने निर्देश दिया है. इसके अनुसार आरोपी अपनी मां से "केवल हिंदी में ही बात करने" का निर्देश दिया है.

न्यायाधीश ने कहा कि अगर जेल अधीक्षक चाहें, तो सुरक्षा के लेहाज से बातचीत को रिकॉर्ड कर सकते हैं. वह इसके लिए स्वतंत्रता हैं.

न्यायाधीश ने तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए और दिल्ली HC के फैसले को देखते हुए जेल अधीक्षक को निर्देश दिया. साथ ही आरोपी को 1 बार ही VC के जरिये उसकी मां से बातचीत करवाने की अनुमति देने को कहा.'

खास बात ये है कि कोर्ट ने ये आदेश आरोपी के वकील द्वारा दायर आवेदन पर दिया गया. इसमें बताया गया था कि भटकल की मां का इसी माह हर्ट सर्जरी हुआ है. उसकी हालत गंभीर है.

आरोपी के अधिवक्ता एम एस खान, अधिवक्ता कौसर खान और प्रशांत प्रकाश ने भी मामले में दलील दी. उन्होंने कोर्ट से कहा कि भटकल ने बीते 13 साल में अपने परिजनों से कोई बात नहीं की है.

बता दें कि आरोपी ने पहले मां से मुलाकात के लिए पैरोल मांगी थी. उसने कहा कि वह पैरोल पर जोर नहीं दे रहा. उसकी कोर्ट से प्रार्थना है कि उसे 'मानवीय आधार पर' माह में एक बार मां से डिजिटल मुलाकात कराई जाए. तब पुलिस ने विरोध किया था.

दरअसल, आतंकवादी भटकल कई मामलों में आरोपी है. इसमें साल 2012 में भारत के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रचने और सितंबर 2008 में दिल्ली में हुए सीरियल बम धमाके का मामला है. इसमें 26 लोगों की मौत हुई और 135 लोग घायल हुए थे.

आपको बता दें कि कर्नाटक के भटकल गांव निवासी यासीन भटकल साल 2013 में बिहार में भारत-नेपाल की सीमा से गिरफ्तार हुआ था. यासीन को हैदराबाद के दिलखुशनगर में साल 2013 में हुए दोहरे बम विस्फोट में फांसी हो चुकी है.