कंगाली के दहलीज पर मालदीव! कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए नहीं बचें पैसे, कर्ज लेने को मजबूर मुइज्जू

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Maldives Economic Crisis: भारत से दुश्मनी करना इस वक्‍त मालदीव के लिए काफी भारी पड़ रहा है. वहां आर्थिक कंगाली इस कदर बढ़ गई है कि सरकारी कर्मचारियों को सैलरी देने तक के पैसे नहीं है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए मुइज्जू सरकार ने बैंक ऑफ मालदीव से 800 मिलियन का कर्ज लिया है.

वही, विशेषज्ञों ने मालदीव की आर्थिक स्थिति को लेकर चेतावनी भी दी है. यह चेतावनी ऐसे समय में दी गई हैं, जब भारत ने 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज अदायगी के लिए एक साल का मोहलत दिया है.

भारत ने कर्ज चुकाने में दी मोहलत

बता दें कि मालदीव को पिछले महीने ही 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज का भुगतान करना था, लेकिन देश में आर्थिक संकट के चलते राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत सरकार से और समय मांगा था. इसके साथ ही उन्‍होंने इसी साल जून के महीने वित्तीय संकट को दूर करने के लिए खर्च में कटौती करने की घोषणा की थी.

दरअसल, उन्होंने कहा था कि हमने राज्य के खर्च को कम करने के लिए कई उपायों को लागू करने का फैसला लिया है. इसमें राजनीतिक पदों को कम करना, लागत कम करना और विभिन्न अवसरों पर होने वाले समारोहों को न करने का फैसला शामिल था.

कौन है मालदीव में आर्थिक संकट का जिम्मेदार?

हालांकि विशेषज्ञों का मामना है कि मालदीव में आर्थिक संकट पैदा होने के पीछे सरकारी खर्च में वृद्धि है. बता दें कि मुहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनते ही तुर्की से 37 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ड्रोन खरीदा था. इसके साथ ही साल के शुरुआत में मालदीव ने भारत को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज को ब्याज समेत चुकाया था, जबकि उस वक्‍त उसे चुकाने की कोई बाध्यता नहीं थी.

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