विरोध होने के बाद घुटने पर आया बांग्लादेश, बंगाल पहुंची हिल्सा की पहली खेप

Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Hilsa export to India: बांग्‍लादेश में सत्‍ता परिवर्तन के बाद मोहम्‍मद युनूस की सरकार ने दुर्गापूजा पर भारत भेजी जाने वाली हिल्‍सा मछली पर प्रतिबंध लगा दी थी. हालांकि सरकार के इस फैसले की आलोचना और विरोध के स्‍वर उठने के बाद लगे प्रतिबंध को हटा दिया है. वहीं अब यूनुस सरकार ने 50 टन से अधिक हिल्सा मछली पश्चिम बंगाल भेज दी है. इसकी जानकारी शनिवार को आयातकों ने दी. जानकारी दे कि हिल्‍सा मछली बांग्‍लादेश और भारत दोनों ही देशों में लोकप्रिय है. इसे दुर्गा पूजा के दौरान एक स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन माना जाता है. पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्‍सव के दौरान हिल्सा की मांग बढ़ जाती है.

हिल्‍सा निर्यात को मिली अनुमति  

बांग्‍लादेश की सरकार ने दुर्गापूजा के दौरान अक्‍टूबर के मध्‍य तक हिल्‍सा मछली के निर्यात की परमिशन दी है. बंगाल के लोगों का पसंदीदा व्यंजन ‘पद्मार इलिश’ (पद्मा नदी में पाई जाने वाली हिल्सा) की इतनी ही मात्रा की एक और खेप बहुत जल्द आ सकती है. मछली आयातकों के संघ (FIA) ने हाल ही में बांग्लादेश की यूनुस सरकार को पत्र लिखकर हिल्सा के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया.

जल्‍द ही एक और खेप आएगी

FIA के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने पीटीआई-भाषा को बताया कि 50 टन से अधिक की पहली खेप दो दिन पहले पेट्रापोल सीमा के जरिए पहुंची. इसे कोलकाता और जिलों के कई थोक बाजारों में पहुंचाया गया. जल्‍द ही लगभग 50 टन की एक और खेप आने की उम्मीद है. मकसूद ने बताया कि हिल्सा मछली का वजन 700 ग्राम से लेकर एक किलोग्राम तक है और इसकी कीमत 900 रुपये प्रति किग्रा से लेकर 1300-1500 रुपये प्रति किग्रा तक है. कोलकाता स्थित राष्ट्रीय समुद्री मछली आयातक-निर्यातक निकाय को उम्मीद है कि सभी खेपें 12 अक्टूबर तक पहुंच जाएंगी. बता दें कि बांग्‍लादेश भारत को कुल 2420 टन हिल्‍सा एक्‍सपोर्ट करने जा रहा है.

दुनिया का सबसे बड़ा हिल्सा उत्पादक देश बांग्‍लादेश

बता दें कि पिछले साल बांग्लादेश ने 79 कंपनियों को भारत को कुल 4 हजार टन हिल्‍सा निर्यात करने की अनुमति दी थी. बांग्लादेश दुनिया का सबसे बड़ा हिल्सा मछली उत्पादक देश है, लेकिन स्थानीय मांग अधिक होने के वजह से वह इस मछली के निर्यात पर रोक लगाता है. हालांकि, दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान, वह आमतौर पर इस मछली के निर्यात पर बैन में ढील देता है, जो बंगालियों का एक बहुत पसंदीदा डिश है.

ये भी पढ़ें :- भारतीय झंडा लहराने वाले पाक खिलाड़ियों के साथ कैसा होगा व्यवहार, पाकिस्तानी जनता ने दिया हिंट

 

Latest News

अब युवाओं के हाथों में भारत का भविष्य, बोले डॉ. राजेश्वर सिंह- ‘भारत को 2047 तक 15 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी… ‘

Thoughts Of Dr Rajeshwar Singh: बीजेपी के लोकप्रिय नेता एवं सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह (Rajeshwar Singh) युवाओं...

More Articles Like This