हिजबुल्लाह चीफ की मौत पर इस देश के मुसलमान मना रहे जश्न, जानें नसरल्लाह से इतनी नफरत क्यों?

Raginee Rai
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Hassan Nasrallah killed: इजरायल ने 27 सितंबर को लेबनान की राजधानी में भीषण बमबारी कर हिजबुल्लाह मुख्‍यालय को जमींदोज कर दिया. इस हमले में हिजबुल्‍लाह चीफ हसन नसरल्‍लाह समेत संगठन के कई टॉप कमांडर का अंत हो गया. हमले के 20 घंटे के बाद हिजबुल्लाह समूह ने अपने नेता हसन नसरल्लाह के मौत की पुष्टि की. इस खबर के बाद एक ओर जहां इस्‍लामिक वर्ल्‍ड में नसरल्‍लाह के मौत का मातम मनाया जा रहा है वहीं सीरिया में सुन्नी मुसलमान जश्न मना रहे हैं.

नसरल्‍लाह को लेकर मुसलमानों में दो मत

हिजबुल्‍लाह चीफ नसरल्लाह का कद अरब वर्ल्ड में एक नायक का है. इस नायकत्व के पीछे की सबसे बड़ी वजह है, इजरायल के समक्ष उसका प्रतिरोध. लेकिन इसी अरब वर्ल्ड में बहुत सारे लोग हसन नसरल्लाह को खलनायक भी मानते हैं. साल 2000 में नसरल्लाह के नेतृत्व में हिज्बुल्लाह ने इजरायली सेना को दक्षिण लेबनान से वापस जाने के लिए मजबूर किया, जिसपर उन्‍होंने 18 साल से कब्‍जा कर रखा था.

नसरल्लाह को नायक मानने वालों की नजर में उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2006 का वह जंग है, जिसमें हिज्बुल्लाह ने 33 दिनों तक इजरायली सेना का डटकर मुकाबला किया. इस जंग की शुरुआत उस घटना के बाद हुई थी, जिसमें हिज्बुल्लाह के लड़ाकों ने इजरायली सीमा में घुसकर उसके दो सैनिकों को अगवा कर लिया था. जंग खत्‍म होने के बाद,  नसरल्लाह को अरब वर्ल्ड में एकलौता ऐसे नेता के तौर पर सम्मानित किया गया, जो सफलतापूर्वक इजरायल के सामने डटकर खड़ा हुआ.

शिया समर्थक नेता की बन गई नसरल्लाह की छवि 

लेकिन नसरल्लाह ने बार-बार खुद को ईरान की शह पर काम करने वाले संगठन के नेता के रूप में पेश किया. वह उन संघर्षों में अपने संगठन के साथ भागीदार रहा, जिसने इस्लामिक वर्ल्ड को सुन्नी-शिया आधार पर बांटा. बता दें कि ईरान एक शिया बाहुल्य देश है और मध्य पूर्व में सऊदी अरब समत सुन्नी बाहुल्य अन्य देशों के साथ उसकी दुश्‍मनी किसी से छिपी नहीं है. हिज्बुल्लाह भी लेबनान का एक शिया इस्लामी राजनीतिक दल और चरमपंथी ग्रुप है.  अतीत में कई ऐसे अवसर आए जब शिया और सुन्नी के बीच बंटे अरब वर्ल्ड में ईरान और हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्ला शियाओं के पक्ष में रहे.

इसके बाद 2005 में लेबनान में पूर्व पीएम रफीक हरीरी की हत्या हुई. हरीरी पश्चिम-समर्थक और मशहूर सुन्नी राजनेता थे. एक इंटरनेशनल ट्राइब्यूनल ने माना कि हरीरी की हत्या हिज्बुल्लाह के ऑपरेटिव्स ने की थी.  फिर साल 2008 में नसरल्लाह के बल प्रयोग का एक और नजारा देखने को मिला जब हिज्बुल्लाह के लड़ाकों ने बेरूत के सुन्नी इलाकों पर अपना नियंत्रण कर लिया और एक नई सरकार के गठन के बाद ही पीछे हटे.

हमले में नसरल्‍लाह की बेटी की भी मौत

जानाकरी के मुताबिक, हमले के वक्त हिजबुल्ला ग्रुप के बड़े नेता हेडक्वार्टर में आगे की रणनीति बनाने के लिए जुटे थे. इजरायल ने हमले में हेवी गाइडेड बम का इस्तेमाल किया, जिससे किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला. हमले से पूरा बेरूत दहल गया. हमले में नसरल्लाह की बेटी जैनब की भी मौत हो गई.

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