Bihar Flood: नेपाल में हुई मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन का कहर जारी है. पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं और देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई है. नेपाल में लगातार हो रही बारिश ने बिहार के कई जिलों को खतरों में डाल दिया है. बिहार के सीमावर्ती जिलों में कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान को छू रही हैं या उससे ऊपर बह रही हैं. बाढ़ के पानी ने बिहार में तबाही मचा दी है.
दरअसल, 27 सितंबर से नेपाल में लगातार बारिश हो रही है. नेपाल में हो रही भारी बारिश के कारण रविवार को कोसी बैराज वीरपुर से रिकॉर्ड 6,61,295 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. गंडक बैराज में लगभग उतना ही पानी छोड़ा गया है. जिसके चलते बिहार में कोसी, गंडक बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा और गंगा जैसी नदियां उफान पर हैं. इन नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है. ये नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
बिहार के कई जिलों में बाढ़
बता दें कि कोसी बैराज वीरपुर से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने से 13 जिलों के 16.28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जो भारी बारिश के कारण पहले से ही बाढ़ से जूझ रहे हैं. 1968 में कोसी बैराज वीरपुर से 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. उस समय भी बिहार के कई जिलों में तबाही मची थी. वहीं, इस बार भी बाढ़ के पानी ने बिहार में तबाही मचा दी है.
इन नदियों (कोसी, गंडक और गंगा) का पानी पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, अररिया, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया और कई अन्य जिलों के निचले इलाकों में प्रवेश कर गया है. बिहार के अलग-अलग इलाकों में शनिवार सुबह 780.3 मिमी बारिश हुई थी. बिहार के कुछ जिलों में बारिश अभी भी जारी है.
इन जिलों में बाढ़ का अलर्ट
राज्य सरकार ने बिहार के कई जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है. उधर, मौसम विभाग ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है और राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ के खतरे की चेतावनी दी है. इस समय बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर समेत गंगा के किनारे बसे करीब 13 जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है.
नेपाल में बारिश होने से बिहार में क्यों आती है बाढ़?
अब सवाल यह है कि नेपाल के पानी से बिहार में बाढ़ क्यों आती है तो हम आपको बता दें कि नेपाल में बारिश होने से बिहार में बाढ़ इसलिए आती है क्योंकि बिहार का मैदानी इलाका नेपाल से सटा हुआ है. कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, बागमती समेत कई नदियां नेपाल की ओर से बहकर बिहार में आती हैं. जब भी नेपाल में बारिश होती है तो वहां की नदियों का पानी बिहार में आने लगता है. नेपाल की करीब सात नदियां कोसी में मिलती है जो कि बिहार में हर साल तबाही मचाती है यही कारण है कि कोसी को बिहार का शोक भी कहा जाता है.
बिहार का पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया किशनगंज जिला नेपाल से सटा हुआ है. इस वक्त ये जिले भी बाढ़ की चपेट में हैं. यहां भी निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है.