फर्जी गेमिंग ऐप के लिए मशहूर हस्तियों के डीपफेक वीडियो बना रहे जालसाज, क्लाउडसेक रिपोर्ट में खुलासा

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Dubious Apps: डिजिटल क्रांति के दौर में साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया हथकंडा अपनाया है. शुक्रवार को साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्लाउडसेक ने कहा कि साइबर जालसाज संदिग्ध गेमिंग ऐप के प्रचार के लिए हर रोज 1,000 से अधिक फर्जी डोमेन और मुकेश अंबानी एवं विराट कोहली जैसी मशहूर हस्तियों के डीपफेक वीडियो बना रहे हैं. क्लाउडसेक की एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर बनाए गए फर्जी वीडियो बनाकर संदिग्ध ऐप को समर्थन दिया जा रहा है. मशहूर हस्तियों के नकली न्यूज वीडियो बनाए जाते हैं. इसके लिये मशहूर टेलीविजन एंकरों के फुटेज में छेड़छाड़ की जाती है.

हर दिन बनाए जा रहे एक हजार से अधिक फर्जी डोमेन

क्‍लाउडसेक की रिपोर्ट कहती है कि साइबर ठग लोगों को संदिग्ध ऐप डाउनलोड करने के लिए लुभाते हैं. इसके लिये वे डीपफेक वीडियो का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. वे असली दिखने के लिए एक नकली प्ले स्टोर भी बना रहे हैं. रिसर्च के अनुसार, 7 से अधिक देशों के लोगों को धोखा देने के लिए हर दिन एक हजार से अधिक फर्जी डोमेन बनाए जा रहे हैं. साइबर सिक्योरिटी फर्म क्‍लाउडसेक ने कहा कि डीपफेक की पहचान करने वाली टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हुए उसकी रिसर्च टीम ने भारत, सऊदी अरब, पाकिस्तान, नाइजीरिया और अन्य देशों में नकली गेमिंग ऐप को बढ़ावा देने वाले भ्रामक अभियानों की एक सीरीज चिह्नित की है.

कई हस्तियों के बनाए डीपफेक वीडियोज

रिपोर्ट के अनुसार, मुकेश अंबानी, नीरज चोपड़ा, विराट कोहली, अनंत अंबानी, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, जेम्स डोनाल्डसन (मिस्टर बीस्ट) और डेडपूल उर्फ ​​रेयान रेनॉल्ड्स जैसी सेलिब्रिटिज को अंतरराष्ट्रीय ऐप का प्रचार करते हुए दिखाया गया हैं. इन हस्तियों के वीडियो यूजर्स को न्यूनतम निवेश से पर्याप्त वित्तीय पुरस्कार का वादा करके लुभाते हैं और गेम खेलकर अपने पैसे कई गुना बढ़ाने की बात करते हैं.

रिपोर्ट कहती है कि ये वीडियो अक्सर सम्मानित समाचार एंकरों के हेराफेरी वाले फुटेज से शुरू होते हैं. इन फर्जी ब्रॉडकास्‍ट का दावा है कि मोबाइल एप्लिकेशन सभी क्षेत्रों के लोगों को आसानी से पैसा कमाने में सहायता कर रहा है. बता दें कि क्लाउडसेक ने डीपफेक वीडियो की पहचान करने वाली अपनी टेक्नोलॉजी को सभी के लिए निःशुल्क करने का ऐलान भी किया है. इससे लोग डीपफेक वीडियो की पहचान कर पाएंगे.

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