US News: अमेरिकी प्रोफेसर ने डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस को लेकर की भविष्यवाणी, जानिए क्या कहा…

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US News: एमोरी विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर जाचरी पेस्कोविट्ज ने भविष्यवाणी की है कि अमेरिका में राष्‍ट्रपति पद के लिए होने वाला इस बार का चुनाव धड़कने बढ़ा देने वाला होगा. क्योंकि, सात स्विंग राज्यों में से किसी में भी किसी भी उम्मीदवार के पास निर्णायक बढ़त नहीं है. उनका कहना है कि अमेरिकी चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज असाधारण रूप से काफी पास होगा और लोकप्रिय वोट भी बहुत करीब होने जा रहा है. बता दें कि 5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. यहां रिपब्लिकन की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, तो डेमोक्रेट्स की ओर से उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस मैदान में हैं.
इलेक्टोरल कॉलेज और लोकप्रिय वोटों के संबंध में दोनों उम्मीदवारों से उनकी उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर प्रोफेसर जाचरी ने कहा कि मुझे लगता है कि चुनाव बहुत करीब होने जा रहा है. मुझे लगता है कि दो या तीन प्रतिशत अंकों के भीतर इलेक्टोरल कॉलेज भी असाधारण रूप से करीब होने जा रहा है. आप जानते हैं, यह बहुत संभव है कि एक संकीर्ण जीत होगी.

सातों राज्यों में किसी के पास निर्णायक बढ़त नहीं

प्रोफेसर जाचरी ने आगे कहा, ‘यहां तक कि यह भी संभावना है कि इलेक्टोरल कॉलेज में 269 के मुकाबले 269 सीटें टाई होंगी, जो अंत में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में जाएंगी. आप जानते हैं कि यह बहुत करीबी मुकाबला होगा और यह इन सात राज्यों तक सीमित रहेगा. इसलिए, हाल ही में हुए सभी मतदानों से पता चलता है कि यह बहुत करीबी मुकाबला होगा. किसी भी उम्मीदवार के पास सातों राज्यों में निर्णायक बढ़त नहीं है और यह कांटे की टक्कर वाला मुकाबला होगा.

विदेश नीति को लेकर कही ये बात

विदेश नीति को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिकी मतदाताओं के लिए विदेश नीति एक बहुत मामूली विचार है. मतदाताओं का एक बहुत छोटा वर्ग होगा जो 2024 में विदेश नीति के मुद्दों के आधार पर वोट देगा. प्रोफेसर जाचरी ने कहा, अगर आप जनमत सर्वेक्षण और अतीत में मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारकों को देखें, तो विदेश नीति आम तौर पर अमेरिकी मतदाताओं के लिए बहुत ही मामूली विचार है, सिवाय उन मामलों के जहां अमेरिकी सैनिक सक्रिय रूप से लड़ रहे हैं. इसलिए, वियतनाम एक बड़ा प्रमुख उदाहरण है. जबकि, इराक, अफगानिस्तान में युद्ध कम उदाहरण हैं. इसलिए, पिछले चुनावों की तुलना में 2024 के चुनाव में यह एक बड़ा अंतर है.

भारतीय अमेरिकी को लेकर कही यह बात

प्रोफेसर जाचरी ने आगे कहा, अमेरिका में मतदाताओं का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय-अमेरिकी हैं. दोनों पक्षों में प्रमुख भारतीय-अमेरिकी हैं. यह पूछे जाने पर कि ट्रंप और हैरिस के बीच लड़ाई में भारतीय-अमेरिकी किसका समर्थन करेंगे, उन्होंने कहा, ‘औसतन, भारतीय-अमेरिकी आबादी डेमोक्रेट्स का अधिक समर्थन करते हैं. मुझे लगता है कि उनकी भारतीय पृष्ठभूमि शायद इसका एक छोटा सा हिस्सा है, लेकिन भले ही यह टिकट के शीर्ष पर एक गैर-भारतीय उम्मीदवार हो, डेमोक्रेटिक उम्मीदवार को समर्थन मिलने की उम्मीद की जाएगी.’

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