Hydrogen Mission: 8 अक्टूबर को नई दिल्ली में हाइड्रोजन दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें अमेरिका एक भागीदार देश रहा. इस दौरान भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय यादव ने कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन में वैश्विक ग्रीन हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई गई.
उन्होंने कहा कि हम भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और प्रौद्योगिकी के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के साथ ही हम कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
मिलकर काम कर रहे भारत और अमेरिका
हाइड्रोजन दिवस के मौके पर अमेरिका के भारत केंद्रित समूह के प्रमुख ने कहा कि भारत और अमेरिका वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के लिए ध्वजवाहक देशों के रूप में उभर रहे है. दोनों देशों की प्राथमिकता में हाइड्रोजन मिशन है. जिसके तहत दोनों देश रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी को बढ़ा रहे हैं. साथ ही अक्षय ऊर्जा सप्लाई चेन, वित्त, निवेश और अनुसंधान के माध्यम से सहयोग को बढ़ाया जा रहा है.
पर्याप्त रोजगार के मिलेंगे अवसर
भारत और अमेरिका का मानना है कि स्वच्छ ऊर्जा और दुनिया से कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था की भूमिका अहम है. भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और व्यवसायिक सहयोग के लिए बने समूह यूएसआईएसपीएफ (US India Strategic and Partnership Forum- USISPF) के सीईओ मुकेश अघी ने कहा कि दोनों देश सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सहयोग से हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहे हैं, जिससे रोजगार के पर्याप्त अवसर प्राप्त होंगे.
क्या काम करता है USISPF?
दरअसल, जून 2021 में अमेरिकी ऊर्जा विभाग और भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के साथ मिलकर यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप (SCEP) के तहत यूएस-इंडिया हाइड्रोजन टास्क फोर्स की शुरुआत की, जो दोनों देशों के पचास से अधिक प्रमुख उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों और शिक्षाविदों को एक साथ लाता है. वहीं, इसका उद्देश्य स्वच्छ हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी लाना है.
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