Zulfiqar khan: इटली ने 54 वर्षीय पाकिस्तानी इमाम जुल्फिकार खान को देश से निकालने का आदेश दिया है. यहां तक की इटली के जार्जिया सरकार ने जुल्फिकार खान से संबंधित उस कागजात पर साइन कर दिया है, जिसके बाद उन्हें देश से निकालने में आसानी होगी. खान को उसके कट्टरपंथी, पश्चिम, यहूदी, समलैंगिकता-विरोधी बयानों के वजह से देश से निकालने का फैसला किया गया है.
बता दें कि खान ने साल 1995 से इटली में रहना शुरू किया था, लेकिन साल 2023 से उसकी विचारधारा और गतिविधियां कट्टरपंथ की ओर बढ़ रही थीं. ऐसे में ही उसने हमास की खुलकर तारीफ की और पश्चिमी देशों के खिलाफ नफरत भरे वीडियो पोस्ट किए.
जुल्फिकार खान का परमिट रद्द
खान के बयानों में महिला विरोधी भावनाएं भी झलकती थी, वो लगातार इटली सरकार के नियमों के खिलाफ बयान दे रहा था. हद तो तब हो गई, जब जुल्फिकार इटली के खिलाफ ही भला-बुरा कहने लगा. जिसके बाद इटली की सरकार ने उसे संभावित सुरक्षा खतरे के रूप में देखते हुए उनका परमिट रद्द कर दिया.
समलैंगिकता को बताई बीमारी
जुल्फिकार खान मुसलमानों द्वारा सरकारी टैक्स का भुगतान करने का विरोध करने की वकालत करना था. वो दावा करता था कि देश के सारे संसाधन मुस्लिम समुदाय के भीतर ही रहने चाहिए. इसके अलावा उसने समलैंगिकता को एक बीमारी करार देते हुए कहा कि इसे ठीक करने की आवश्यकता है.
हमास के लिए समर्थन दिया बयान
बता दें कि इजरायल-हमास युद्ध के फैलने के बाद खान ने नवंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक कई वीडियो पोस्ट किए, जिसमें खान ने अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों के लोगों को नापाक ज़ायोनी एजेंडा के समर्थक के रूप में लेबल किया. इतना ही नहीं, उसने मई में एक मस्जिद में उपदेश देने के दौरान हमास की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि हमास अपनी जमीन की रक्षा कर रहा था. साथ ही उसने अमेरिकियों और इजरायलियों को आतंकवादी और हत्यारा करार दिया.
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