Durga Puja In Bangladesh: बांग्लादेश में दुर्गा पूजा का पर्व शुरु हो गया है. बुधवार से इसकी शुरुआत हुई है. इस पर्व को लेकर जगह-जगह पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सप्तमी के अवसर पर आधिकारिक अवकाश की घोषणा की. यह पहला मौका है जब बांग्लादेश के इतिहास में दुर्गा पूजा मनाने के लिए इतनी लंबी छूट्टियों का आधिकारिक ऐलान हुआ है.
बांग्लादेश में दुर्गापूजा का समापन रविवार को मुर्तियों के विसर्जन के साथ होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस रविवार को प्रमुख शक्ति पीठों में से एक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा कर सकते हैं. हालांकि, गौर करने वाली बात है कि इस बार बांग्लादेश में कम दुर्गा पंडाल लगाए गए हैं.
आखिर कम क्यों बने पंडाल
आपको बता दें कि इस साल बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाने पर लिया गया. शेख हसीना की सरकार जाने के बाद वहां के हिंदुओं के मंदिरों और घरों को निशाना बनाया गया और हमले किए गए. इस बीच हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से सुरक्षा की मांग की. जिसके बाद सरकार सुरक्षा दे रही है और दूर्गा पूजा उत्सव मनाया जा रहा है.
हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद नेता काजोल देबनाथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि हम आज दूसरे दिन (सप्तमी) दुर्गा पूजा उत्सव मना रहे हैं. अभी कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है. देबनाथ ने बताया कि इस साल दुर्गा पूजा के लिए 31,462 पंडाल बनाए गए हैं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 32,408 थी. उन्होंने पंडालों की संख्या में कमी के लिए मानसून के कारण आई बाढ़ और अन्य संबंधित मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया.
निशाने पर हिंदू समुदाय
इस साल 05 अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद देश छोड़कर चली गईं. उनके देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समाज के लोगों को निशाना बनाया गया. उनके व्यवसाय, संपत्ति और धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की गई थी. इसके बाद सुरक्षा की मांग करते हुए हजारों की संख्या में हिंदुओं ने ढाका और पूर्वोत्तर बंदरगाह शहर चटगांव में विरोध-प्रदर्शन किया था.
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