शिमलाः शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा 2236 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 74 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया. ये परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश सहित देश के आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई हैं.
रक्षा मंत्री राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल राजभवन शिमला से वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल हुए. ये परियोजनाएं देश के 11 सीमावर्ती राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बनाई गई हैं. हिमाचल प्रदेश में पांच पुलों का निर्माण और उद्घाटन किया गया है. इसके साथ ही 2024 में बीआरओ ने रिकॉर्ड 111 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की हैं. 2023 में कुल 125 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गईं.
रक्षा मंत्री ने सिक्किम में सीमा सड़क संगठन द्वारा आयोजित एक समारोह में 22 सड़कों, 51 पुलों और 02 अन्य विविध परियोजनाओं का उद्घाटन किया. इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण सबसे दुर्गम इलाकों में चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में किया गया है. इन परियोजनाओं के उद्घाटन में हिमाचल प्रदेश में मुन्नी (40 मीटर), भागा (30 मीटर), डोगरी (65 मीटर), हबसर (50 मीटर) और शालखर-11 (45 मीटर) पर एनएच-3 (रोड मनाली-सरचू), एनएच-5 (रोड पोवारी-पूह-खाब-नामगिया-चुप्पन-शिपकिला) और एनएच-505 (रोड खाब-सुमडो-काजा-ग्रामफू) पर पांच पुलों का निर्माण शामिल है. उद्घाटन हाइब्रिड मोड में किया गया.
भारत-चीन सीमा तक सैनिकों और उपकरणों की तेजी से पहुंच की सुविधा के लिए इन रणनीतिक सड़कों के महत्व पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि पुलों के निर्माण से स्थानीय लोगों को क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी. उन्होंने दुर्गम इलाकों में बीआरओ की कड़ी मेहनत की सराहना की.
राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि बीआरओ ने राज्य में इन महत्वपूर्ण रणनीतिक परियोजनाओं का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा किया है और इनमें से कई परियोजनाओं का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक ही कार्य सत्र में किया गया है. कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, बीआरओ के मुख्य अभियंता परियोजना दीपक राजीव कुमार और बीआरओ के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी राजभवन में मौजूद रहे.