किसानों ने हरियाणा में कांग्रेस के लिए अनुकूल माहौल बनाया था. हालांकि, कांग्रेस इसका फायदा उठाने में विफल रही. ये बातें भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को कही. उन्होंने समाचार एजेंसी IANS को बताया कि राज्य में कांग्रेस की हार के पीछे एकमात्र कारण पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे. उन्होंने आगे कहा, भूपेंद्र हुड्डा बुद्धिहीन हैं. हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना, वह हम किसानों की वजह से था.
कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण है हुड्डा
लेकिन, पार्टी इसका सबसे अच्छा फायदा नहीं उठा सकी. गुरनाम सिंह चढूनी ने भाजपा के दृष्टिकोण को दोहराने और किसानों के साथ खड़े होने में विफल रहने के लिए कांग्रेस की आलोचना की. गुरनाम सिंह चढूनी ने हुड्डा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण हैं. क्योंकि, उन्होंने किसी के साथ समझौता नहीं किया और पार्टी ने सारी जिम्मेदारी उन पर डाल दी.
गुरनाम सिंह चढूनी ने भूपेंद्र हुड्डा पर जमकर साधा निशाना
गुरनाम सिंह चढूनी ने दावा किया कि वह एक प्रभावी विपक्षी नेता के रूप में कार्य करने में विफल रहे हैं. उन्होंने कहा, किसान संघ ने विपक्ष की भूमिका निभाई, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नहीं. गुरनाम सिंह चढूनी ने आगे कहा, अगर हुड्डा ने अभय चौटाला के साथ समझौता किया होता और उन्हें टिकट दिया होता, तो हरियाणा में उनकी पार्टी नौ सीटे जीतती.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा को न दें जिम्मेदारी
गुरनाम सिंह चढूनी ने कांग्रेस को आगाह किया कि अगर वे विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) का पद सुरक्षित करने का लक्ष्य रखते हैं तो हुड्डा को भविष्य की जिम्मेदारियां न सौंपें. गुरनाम सिंह चढूनी ने आगे कहा कि मैं आपके माध्यम से कांग्रेस आलाकमान को बताना चाहता हूं कि यदि आप हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) बनना चाहते हैं, तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को यह जिम्मेदारी न दें.
हुड्डा पर दरकिनार करने का लगाया आरोप
गुरनाम सिंह चढूनी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और हुड्डा ने कई बड़े नेताओं को दरकिनार कर दिया. किसान नेताओं से भी पल्ला झाड़ा. उन्होंने आम आदमी पार्टी, अभय चौटाला और मुझे भी दरकिनार कर दिया, भले ही हमने उनकी मदद की. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि चुनावों में किसान नेताओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. प्रियंका गांधी ने भी उल्लेख किया कि अगर पार्टी चुनावों के दौरान किसान नेताओं को शामिल करती है, तो यह फायदेमंद होगा इसके बावजूद हुड्डा ने किसानों को दरकिनार कर दिया.