बहाराइचः मुंबई में बाबा सिद्दीकी हत्या से पूरे देश में सनसनी फैल गई है. उधर, मामले में फरार आरोपी शिवा के परिवार वालों को अंदाजा भी नहीं था कि उनका बेटा हत्याकांड को अंजाम दे देगा. बेटे का नाम सामने आने के बाद से परिवार के लोग बदहवास और परेशान होते हुए आंसू बहा रहे हैं.
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का फरार हत्यारोपी बहराइच जनपद के कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव निवासी शिवा (19 वर्ष) की मां सुमन ने बताया बेटा होली के चार दिन बाद पुणे जाकर कमाने की बात कह कर घर से निकाला था, जहां वह कबाड़ बिनने का काम करता था.
लगभग 5 अक्टूबर को गांव के हरीश नामक युवक के मोबाइल से शिवा से बात हुई थी. उसने दिवाली पर घर आने की बात बताई थी. पिता बालकृष्ण को पुलिस पूछताछ के लिए थाने पर लेकर गई है. हत्याकांड में नाम सामने आने से मां रो-रो कर बेहाल है.
आर्थिक तंगी की वजह से पुणे गया था रोजगार करने
परिजनों ने बताया शिवा के पिता बालकृष्ण मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं. गरीबी के चलते शिवा पुणे रोजगार करने की बात कह कर निकाला था. तीन भाई और तीन बहनों में दूसरे नंबर का है. कुछ माह पहले बड़ी बहन पूजा की शादी हुई थी. कभी दिहाड़ी, टेंट और कबाड़ अलग-अलग तरीके के काम कर मजदूरी कर रोजगार करता था.
पांचवी तक की है पढ़ाई है शिवा ने
परिवार के लोगों के मुताबिक, शिवा गांव स्थित सरकारी स्कूल में कक्षा पांचवी तक पढ़ाई किए हुए हैं. आर्थिक तंगी के चलते मजबूरी में पढ़ाई छोड़नी पड़ी.
प्लानिंग के साथ हुई थी बाबा सिद्दीकी की हत्या की वारदात
मालूम हो कि विदयादशमी की शाम तीन आरोपी पूरी प्लानिंग के साथ बाबा सिद्दकी का इंतजार करते हुए पटाखा फोड़ रहे थे. जैसे ही बाबा सिद्दकी कार्यालय से बाहर निकले आरोपियों ने सही मौका देखकर उनपर 6 राउंड फायरिंग कर दी थी, जिसमें तीन गोलियां बाबा सिद्दकी को लगी. गोली लगते ही बाबा सिद्दकी गिर पड़े थे. इसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल में ले जाया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था.
इस हत्या के दो आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. वहीं, तीसरा फरार है. एक शख्स यूपी का है तो दूसरा हरियाणा से ताल्लुक रखता है. सूत्रों के मुताबिक, गोलीबारी में 9.9 एमएम की पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग थी. बताते चलें कि 15 दिन पहले ही उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके मद्देनजर उन्हें ‘Y’ कटैगरी की सुरक्षा मिली थी.