Middle East Conflict: मिडिल ईस्ट में जारी जंग थमने की जगह बढ़ता जा रहा है. इजराइल के समर्थन में अमेरिका आगे आ गया है. अमेरिका के तरफ से सपोर्ट मिलते ही इजराइल ईरान से बदला लेने के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर लिया है. माना जा रहा है कि इजराइल कभी भी ईरान पर हमला कर सकता है. वहीं, इन सबके बीच अमेरिका इजराइल को एक ऐसा सुरक्षा कवच देने जा रहा है, जिसको ईरान और उसके प्राक्सी का भेद पाना बेहद मुश्किल है.
अमेरिका देने जा रहा एडवांस एंटी मिसाइल सिस्टम
दरअसल, जैसे जैसे इजराइल के दुश्मनों के हमलों का दायरा बढ़ रहा है, अमेरिका भी अपने दोस्त की सुरक्षा के लिए और आगे आ रहा है. युद्ध की शुरुआत से अमेरिका इजराइल को हर तरह की मदद दे रहा है और उसकी सुरक्षा के लिए अपनी पूरी ताकत लगाया हुआ है. पेंटागन ने घोषणा की है कि वह इजराइल को एडवांस एंटी मिसाइल सिस्टम (THAAD) देने जा रहा है. इसके अलावा इजराइल में अमेरिका अपने अतिरिक्त सैनिक तैनात करने जा रहा है.
इजराइल को मिलेगा THAAD
अमेरिकी रक्षा विभाग ने रविवार को कहा कि पेंटागन प्रमुख लॉयड ऑस्टिन ने इजराइल में टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) बैटरी और अमेरिकी सैन्य कर्मियों की तैनाती के आदेश दिए है, ताकि देश की हवाई सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिल सके. अमेरिका की ये नई मदद उसकी इजराइली सुरक्षा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. अमेरिका के इस ऐलान ने ईरान की कंपकंपी बढ़ा दी है, क्योंकि अमेरिका इजराइल को बचाने के लिए सतर्क हो गया है.
कितना असरदार है THAAD?
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की अप्रैल में आई रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना के पास सात THAAD बैटरियां हैं. इस सिस्टम को पैट्रियट इंटरसेप्टर का पूरक माना जाता है, यह 150-200 किलोमीटर (93-124 मील) की दूरी से लक्ष्यों को मारते हुए एक बड़े क्षेत्र की रक्षा कर सकता है. आम तौर पर, हर THAAD में छह ट्रक-माउंटेड लॉन्चर, 48 इंटरसेप्टर, रेडियो और रडार उपकरण होते हैं और इन्हें संचालित करने के लिए 95 सैनिकों की जरूरत होती है.
एक साल पहले अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने अमेरिकी सेना की सुरक्षा बढ़ाने और इजराइल की रक्षा में मदद करने के लिए मध्य पूर्व के आसपास एक THAAD बैटरी और अतिरिक्त पैट्रियट बटालियनों की तैनाती का आदेश दिया था. इजराइल को THAAD मिलने से उसकी सुरक्षा में और मजबूती आएगी, क्योंकि मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम कई मौको पर हिजबुल्लाह, हूती और ईरान की मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में नाकाम रहा है.