Health: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने औषधि नियामक प्राधिकरण का चिकित्सा जगत में योगदान को लेकर कहा, यह मंच 120 से अधिक देशों के विशेषज्ञों और नेताओं को एक साथ लाता है और वैश्विक स्वास्थ्य मानकों को बढ़ाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए भारत की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है. नड्डा ने आगे कहा, स्थायी स्वास्थ्य समाधान बनाने के लिए सीमाओं, क्षेत्रों और विषयों के पार सहयोग आवश्यक है. बता दें कि सोमावर को जेपी नड्डा ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा आयोजित औषधि नियामक प्राधिकरणों के 19वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया.
कोविड-19 महामारी में भारत का परचम
कोविड-19 के दौरान भारत का दुनिया भर में योगदान को लेकर जेपी नड्डा ने कहा, भारत न केवल स्वास्थ्य लचीलेपन और नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में उभरा है. बल्कि, कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया की फार्मेसी के रूप में अपनी भूमिका की भी पुष्टि की है. नड्डा ने आगे कहा, देश ने घरेलू और वैश्विक दोनों मांगों को पूरा करने के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार किया और अपने वैक्सीन उत्पादन को बढ़ाया.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा कहा कि एक अरब से ज़्यादा लोगों को कवर करने वाले कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम का सफल रोलआउट हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की मज़बूती और हमारे स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पण और हमारी नीतियों का प्रमाण है. दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत ने दुनिया भर के देशों के लिए ज़रूरी दवाओं, टीकों और चिकित्सा आपूर्ति तक किफ़ायती पहुंच सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है.
हमारी प्रगति दुनिया की प्रगति से अविभाज्य है- जेपी नड्डा
वसुधैव कुटुम्बकम का जिक्र करते हुए जेपी नड्डा ने कहा, वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत से प्रेरित होकर, हम महामारी के दौरान जीवन रक्षक दवाएं और टीके उपलब्ध कराने वाले 150 से ज़्यादा देशों को अपना समर्थन देते हैं. अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता की यह भावना वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति भारत के दृष्टिकोण का मूल है. इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा हमारा मानना है कि हमारी प्रगति दुनिया की प्रगति से अविभाज्य है और इसलिए हम वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और स्थिरता में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उन्होंने कहा कि यह मंच इस बात पर चर्चा करने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है कि उभरती वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए देशों के बीच सहयोग कैसे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि यह मंच ज्ञान साझा करने, साझेदारी को बढ़ावा देने और दुनिया भर में चिकित्सा उत्पादों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियामक ढांचे विकसित करने के लिए एक स्थान प्रदान करता है.
दवाइयों की कीमत पर बोले जेपी नड्डा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, सस्ती कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाओं की उपलब्धता मुख्य है. आज आठ दवा परीक्षण प्रयोगशालाएं चालू हैं और दो और पाइपलाइन में हैं. जेपी नड्डा ने आगे कहा कि आयात की जा रही दवाओं और कच्चे माल की त्वरित जाँच और रिलीज़ के लिए बंदरगाहों पर आठ मिनी परीक्षण प्रयोगशालाएँ चालू हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में CDSCO में 95 प्रतिशत से अधिक नियामक प्रक्रियाओं को डिजिटल कर दिया गया है, जिससे पारदर्शिता आई है और हितधारकों के बीच विश्वास बढ़ा है.