India Canada Conflict: खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के बयान पर भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. वहीं, कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनायिकों को वापस बुला लिया है. भारत के कड़े रुख पर अब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सुर बदल गए हैं. ट्रूडो ने कहा कि कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार भी कनाडा के लिए ऐसा ही करेगी.
बता दें कि भारत ने कनाडा के जिन 6 राजनयिकों को निष्कासित किया है, उसमें कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर, उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, सचिव मैरी कैथरीन जोली, सचिव लैन रॉस डेविड ट्राइट्स, सचिव एडम जेम्स चुइपका और सचिव पाउला ओर जुएला को 19 अक्टूबर की रात या उससे पहले भारत छोड़ने के लिए कहा गया है.
कनाडा-भारत के बीच आपसी संबंध का लंबा इतिहास
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि आप में से कई लोग नाराज़, परेशान और भयभीत हैं, मैं समझता हूं. ऐसा नहीं होना चाहिए. कनाडा-भारत के लोगों के बीच आपसी संबंधों, व्यापार और कारोबार में निहित एक लंबा इतिहास है लेकिन हम अभी जो देख रहे हैं, उसे सहन नहीं कर सकते. जब मैंने पिछले सप्ताह के अंत में पीएम मोदी से बात की तो मैंने इस बात पर जोर देकर कहा कि इस सप्ताह के अंत में सिंगापुर में हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण बैठक होने वाली थी. उन्हें उस बैठक के बारे में पता था और मुझे भी. उन पर दबाव डाला कि बैठक को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है.
हम भारत से लड़ाई नहीं चाहते…
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा, यह कोई विकल्प नहीं है जो कनाडा ने कनाडा-भारत संबंधों में तनाव पैदा करने के लिए चुना गया है. भारत एक महत्वपूर्ण लोकतंत्र है. भारत और कनाडा के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध हैं. हमें एक साथ रहना होगा. हम लड़ाई नहीं चाहते हैं. इसलिए हर कदम पर हमने भारत को जो कुछ भी पता है उससे अवगत कराया है.
बता दें कि ट्रूडो ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि कनाडा कानून के शासन पर आधारित देश है और हमारे नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है. ट्रूडो ने एक बार फिर आरोप लगाया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट शामिल थे.