Sri Lanka will join BRICS: भारत ब्रिक्स समूह को एक महत्वपूर्ण सदस्य है. वहीं, अब इसके पड़ोसी देश भी इस समूह में शामिल होने के लिए दिलचस्पी दिखा रहे है. दरअसल, हाल ही में श्रीलंका के विदेश मंत्री विजेता हेराथ ने कहा कि कोलंबो ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) और न्यू डेवलपमेंट बैंक की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा.
कोलंबो स्थित डिप्लोमैटिक कोर के साथ बातचीत के दौरान विदेशमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक, मजबूत, समावेशी लाभकारी सहयोग, शांति और विकास को लेकर काम करने वाला समूह है. इसके लिए उन्होंने समर्थन मांगा है. उन्होंने कहा कि देश में आगामी चुनाव के वजह से राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके 23-24 अक्टूबर को रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले पाएंगे.
साबरी ने ब्रिक्स में शामिल होने की जताई इच्छा
बता दें कि श्रीलंका लंबे समय से ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है. ऐसे में मई के महीने में तत्कालीन विदेश मंत्री अली साबरी ने ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जताई थी. दरअसल, ब्रिक्स पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देशों का एक समूह है. हालांकि इस समूह में इस साल जनवरी के महीने में सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया और मिस्र को भी शामिल किया गया है, जिससे अब इसकी संख्या 5 से बढ़कर 9 हो गई है.
ब्रिक्स समिट में गैर-सदस्य देशों को निमंत्रण
दरअसल, रूस के कज़ान में 23-24 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाना है. ऐसे में रूस इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए समूह गैर-सदस्य देशों को आमंत्रित करने की योजना बना रहा है. इस कार्यक्रम की मेजबानी करने से मॉस्को को दुनिया को यह दिखाने का मौका मिलेगा की वो यूक्रेन में युद्ध के पश्चिमी विरोध से पूरी तरह से अलग-थलग नहीं है.
अमेरिका को नहीं पसंद ब्रिक्स
वहीं, इस सम्मेलन को लेकर इंडोनेशिया, म्यांमार और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ में अमेरिका के राजदूत रह चुके स्कॉट मार्सिल ने कहा है कि अमेरिका को ब्रिक्स पसंद नहीं है और खासकर तब, जब इसमें ईरान और रूस शामिल है.
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