Hong kong: हांगकांग के लिए पर्यटकों को हवाई कंपनियां बंपर छूट दे रही हैं. साथ ही उनके लिए ड्रोन और दूसरे एअर शो भी किया जा रहा है, जिसमें हांगकांग ने सैकड़ों सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को आमंत्रित किया है. हांगकांग का कहना है कि वो यहां आएं और देश की खूबसूरती देखें और इसकी कहानी बताएं. हैरानी की बात ये है कि इतने सारे ऑफर देने के बावजूद भी हांगकांग को पर्यटक नहीं मिल रहे है.
बता दें कि एक वक्त ऐसा था कि पर्यटन व्यवसाय ही हांगकांग की आर्थिक ताकत था, मगर कोविड और राजनीतिक उथल-पुथल के चलते वहां ऐसी पर्यटकों की संख्या घटी, जिसमें अब तक सुधार नहीं हो पाया है. हांगकांग के सबसे बड़ी समस्या की बात ये है कि थाईलैंड, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे दूसरे एशियाई देशों में पर्यटकों का आंकड़ा कोविड से पहले के स्तर पर आ गया है.
पर्यटन उद्योग पर प्रभाव
वहीं लंबे समय से पर्यटकों की संख्या में गिरावट होने के वजह से हांगकांग की छोटी-छोटी असंख्य दुकानें और रेस्तरां बंद हो गए हैं. जबकि बड़े होटलों में किसी भी समय दर्जनों कमरे खाली पाए जाते हैं. साल 2019 में चीन के वर्चस्ववाद के खिलाफ हांगकांग में हुए जनांदोलन के वजह से पर्यटन उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
वैश्विक वित्तीय केंद्र को लगा धक्का
इस दौरान ग्राहकों की कमी से छोटी दुकानों और रेस्तरां को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. 2018 की तुलना में 2019 के उत्तरार्ध में पर्यटकों के आंकड़े में 40 फीसदी की कमी दर्ज की गई. वहीं, साल वर्ष 2020 में कोविड से निपटने के लिए हांगकांग ने अपनी सीमाएं सील कर दी थीं और अब भारी संख्या में विदेशी नागरिकों और कंपनियों के बाहर निकल जाने से लंबे समय से वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में हांगकांग को भारी धक्का लगा है.
शॉपिंग करने व खाना खाने चीन जा रहे लोग
वहीं, सबसे चौकाने वाली बात ये है कि चीन में खाना और शॉपिंग करना महंगा होने के कारण हांगकांग के स्थानीय लोग शॉपिंग करने और यहां तक कि भोजन करने तक के लिए सीमा पार कर चीन पहुंच रहे हैं.
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्राहकों का अभाव होने की वजह से मार्च से अगस्त के बीच देश में लगभग 1,000 रेस्तरां बंद हो गए हैं. वहीं, रेस्तरां चलाने वाले लोग भी वहां बहुत कम ही दिखाई देते है. फिलहाल, हांगकांग अपने पर्यटन के स्तर को सुधारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी तक कुछ सही नहीं हुआ है.
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