India Pak Relation: बिलावल भुट्टो ने की भारत से बातचीत की वकालत, कहा- दोनों देशों के बीच बातचीत जरूरी…

Shubham Tiwari
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Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India Pak Relation: SCO बैठक में भाग लेने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान पहुंच गए हैं. यहां वो एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (सीएचजी) की बैठक में भाग लेंगे. इस बैठक में चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के उपराष्ट्रपति और भारत के विदेश मंत्री शामिल हो रहे हैं. इन सबके बीच पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के साथ बातचीत की वकालत की है.

दरअसल, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य हैं. एससीओ की 23वीं बैठक के मौके पर दोनों देशों को द्विपक्षीय वार्ता करनी चाहिए.

दोनों देशों के बीच बातचीत जरूरी…

पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि “इतना सख्त क्यों हो, दोनों देशों के बीच बातचीत जरूरी है. चाहे आज हो या कल. भले ही यह एससीओ के संदर्भ में न हो. भुट्टो ने कहा कि दोनों देशों को देर-सबेर द्विपक्षीय वार्ता फिर से शुरू करनी होगी.”

आतंकवाद वास्तविकता…

पूर्व पाक विदेश मंत्री ने कहा कि मतभेदों पर दोनों देशों की अपनी-अपनी राय है लेकिन हमें यह क्यों भूलना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के कारण पाकिस्तान और भारत दो सबसे अधिक प्रभावित देश हैं. आतंकवाद भी एक वास्तविकता है, चाहे वे (भारत) हमें (पाकिस्तान) को दोषी ठहराएं और हम रॉ (भारत की खुफिया एजेंसी) को दोषी ठहराएं, लेकिन मुद्दा मौजूद है. पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर हम जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर बातचीत नहीं करेंगे तो दोनों देशों का भविष्य हमें माफ नहीं करेगा.

द्विपक्षीय वार्ता से इनकार

गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचे हैं. हालांकि, उन्होंने पहले ही एससीओ के दौरान द्विपक्षीय वार्ता की किसी भी संभावना से इनकार कर दिया है. बताते चले कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन 2024 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद, पाकिस्तान में हो रहा है. शिखर सम्मेलन का विषय, “बहुपक्षीय वार्ता को मजबूत करना; सतत शांति और समृद्धि की दिशा में प्रयास करना, सहयोग और प्रगति पर ध्यान केंद्रित करता है.

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