क्यों काले हिरण को भगवान की तरह पूजता है बिश्नोई समाज? यहां जानिए वजह

आज कल काला हि‍रण सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

20 साल पहले दो काले हि‍रणों का शिकार करना बॉलीवुड के दबंग खान यानी सलमान खान के लिए एक बार फिर मंहगा पड़ रहा है.

इस मामले को लेकर बिश्नोई समाज में काफी आक्रोश भरा हुआ है, जिसके बाद लॉरेंस बिश्नोई ने किसी भी हाल में सलमान खान को मारने की कसम खाई है.

ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर काले हिरण से बिश्नोई समाज का क्या नाता है...

दरअसल गुरु जम्भेश्वर जी ने 1485 में बिश्नोई समाज की स्थापना की थी. भगवान विष्णु के नाम पर इस समाज का नाम बिश्नोई रखा गया.  

गुरु जम्भेश्वर जी को प्रकृति से बहुत प्रेम था. वो हमेशा लोगों को प्रकृति और जानवरों की रक्षा करने का संदेश देते थे.

गुरु जम्भेश्वर जी ने पेड़ पौधों और जानवरों की रक्षा करने के लिए 29 नियम बनाए थे, जिसमें एक नियम काले हिरण की रक्षा करना भी है.

बिश्नोई समाज में काले हिरण को कृष्णमृग कहा जाता है. इतना ही नहीं, इस समाज के लोग काले हिरण को कृष्ण का अवतार भी मानते हैं.

बिश्नोई समाज की महिलाएं अपने बच्चे की तरह हिरण को अपना दूध पिलाती हैं.

बिश्नोई समाज वन्य जीवों की रक्षा के लिए जाना जाता है.