Donald Trump: इन दिनों ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष चरम पर है, जिसमें अमेरिका इजरायल के समर्थक के रूप खड़ा है. इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पोडकास्ट में ईरान के कामयाबी की दुआ की है. उन्होंने कहा कि वो चाहते है कि ईरान बहुत कामयाब हो, मगर ईरान के पास केवल एक चीज नहीं हो सकती है और वो है परमाणु हथियार.
इसके अलावा, ईरान में तख्तापलट को लेकर पूछे गए सवाल में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हर मामले में हम पूरी तरह से शामिल नहीं हो सकते, आप सभी जानते है कि हम अपने देश को ठीक तरह से नहीं चला पा रहे हैं.’ साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने ये भी कहा कि दुनिया में सबसे बड़ा खतरा ग्लोबल वॉर्मिंग नहीं है बल्कि ‘न्यूक्लियर वॉर्मिंग’ है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब अमेरिका और इजरायल, ईरान को अपना नंबर 1 दुश्मन बता रहे हैं.
इजराइल-अमेरिका ने बताया था ‘दुश्मन’
वहीं, मिडिल ईस्ट में जारी संघर्ष के लिए प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि ईरान ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी के आगे नहीं झुकेगा. वहीं अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि ईरान गुपचुप तरीके से न्यूक्लियर प्रोग्राम को आगे बढ़ा रहा है, साथ ही वो इस साल के अंत तक खुद को न्यूक्लियर पावर घोषित कर सकता है.
हालांकि ईरान को अमेरिका और इजरायल ने चेतावनी भी दी है. क्योंकि दोनों ही नहीं चाहते कि ईरान, न्यूक्लियर हथियार हासिल करे और यही वजह है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ईरान को न्यूक्लियर पावर हासिल करने से रोकने की पूरी कोशिश कर रही है.
अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु संधि
हालांकि इससे पहले साल 2015 में अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु संधि हुई थी, जिसका मकसद ईरान को परमाणु ताकतों को प्राप्त करने से रोकना था. इस संधि में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत चीन और रूस भी शामिल थे. मगर साल 2018 में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने खुद को इस संधि से अलग कर लिया.
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