पार्टियों में चुड़ैल और भूत के गेटअप में नजर आने का क्रेज, जानिए क्या हैलोवीन का इतिहास

हर साल अक्टूबर के आखिरी दिन यानी 31 तारीख को हैलोवीन डे धूमधाम से मनाया जाता है.

पश्चिमी देशों में लोग हैलोवीन का जश्न शानदार तरीके से मनाते हैं, लेकिन अब इसका क्रेज भारत में भी देखने को मिलता है.

ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आखिर लोग इस दिन क्यों चुड़ैल और भूत के गेटअप में नजर आते हैं...

हैलोवीन का इतिहास पश्चिमी देशों की धार्मिक मान्यताओं को परंपराओं से जुड़ा है. हैलोवीन का मूल नाम सैमहेन है.

इस त्योहार को लोग दो वजहों से मनाते थे. एक फसल की कटाई का खत्म होना और दूसरा सर्दियों का आना.

लोगों का मानना था कि हैलोवीन की रात आत्माएं धरती पर आती हैं और अपने फसल में अपने हिस्से की चाह रखती हैं.

ऐसे में लोग इस दिन भूतों का गेटअप करते थे ताकि वो आत्माओं से बच सकें.

वहीं, ईसाई धर्म के लोगों की मान्यता है कि भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है.