‘भारत मेरा दूसरा घर, मुझे यहां रहने दीजिए…’, बांग्लादेशी लेखिका ने अमित शाह से लगाई मदद करने की गुहार

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Taslima Nasrin Appeal To Amit Shah: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होते ही वहां के हालात बदतर हो गए हैं. वहां महिनों तक जारी हिंसा के बीच कई लोगों ने अपना देश छोड़ दिया. इसी बीच बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने गृहमंत्री अमित शाह से मदद की गुहार लगाई है कि उन्हें भारत में रहने दिया जाए. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…

दरअसल, तस्लीमा नसरीन भारतीय रेजिडेंस परमिट को लेकर परेशान हैं. तस्लीमा का रेजिडेंस परमिट एक्सपायर हो गया है और उसे रिन्यू नहीं किया जा रहा है. इसी मामले में तसलीमा ने गृहमंत्री अमित शाह से मदद की अपील की है.

तस्लीमा नसरीन ने अमित शाह से की अपील

सोमवार को तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- ‘प्रिय अमित शाह जी नमस्कार. मैं भारत में रहती हूं क्योंकि मुझे इस महान देश से प्यार है. पिछले 20 सालों से यह मेरा दूसरा घर रहा है. लेकिन गृह मंत्रालय जुलाई 22 से मेरे रेजिडेंस परमिट को आगे नहीं बढ़ा रहा है. मैं बहुत चिंतित हूं. अगर आप मुझे रहने देंगे तो मैं आपकी बहुत आभारी रहूंगी. हार्दिक शुभकामनाएं.’

सांप्रदायिकता की कट्टर आलोचक हैं तसलीमा

बता दें कि तस्लीमा नसरीन साल 2004 से ही भारत में रह रही हैं. वो मूल तौर पर बांग्लादेश की रहने वाली हैं, लेकिन सांप्रदायिकता और इस्लामी कट्टरपंथियों की आलोचना करने की वजह से उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा. तसलीमा दुनियाभर में अपनी बेखौफ लेखनी के लिए मशहूर हैं.

निर्वासन जीवन बिता चुकी हैं नसरीन

तस्लीमा नसरीन सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस और अमेरिका में भी निर्वासन जीवन बिता चुकी हैं. वो हमेशा से अपनी बेखौफ लेखनी को लेकर मशहूर रही हैं. उनकी ‘लज्जा’ (1993), ‘आमार मेयेबेला’ किताबें काफी मशहूर हैं.

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