US News: अमेरिका ने पकिस्तान, चीन और ईरान के मिसाइल तथा ड्रोन कार्यक्रम को तगड़ा झटका दिया है. यूएस ने ऐसी 26 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है जो कथित तौर पर पाकिस्तान और ईरान के हथियार और ड्रोन कार्यक्रम को सपोर्ट कर रही थी. इन कंपनियों में ज्यादातर पाकिस्तान, चीन और यूएई की कंपनियां हैं. इन कंपनियों के बारे में कहा गया है कि उन्होंने निर्यात प्रतिबंध नियमों का उल्लंघन किया. वे ऐसे हथियार प्रोग्राम में शामिल रहीं जिसको लेकर चिंता जताई गई थी या अमेरिका के प्रतिबंधों तथा रूस-ईरान के खिलाफ लगाए गए निर्यात नियमों का पालन नहीं किया. इसकी जानकारी अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने दी है.
पाकिस्तान की 9 कंपनियां ब्लैकलिस्ट
अमेरिका ने एक बयान में कहा, ‘हम बैड एक्टर्स से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने को लेकर सतर्क हैं. हमारी आज की कार्रवाई से ऐसे दुष्ट तत्वों को एक मैसेज गया है कि अगर वे हमारे प्रतिबंध नियमों का उल्लंघन करेंगे तो उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी. इनमें से 9 कंपनियां पाकिस्तान की हैं, जो मुखौटा कंपनियां थीं और पहले से ब्लैक लिस्ट कंपनी एडवांस्ड इंजीनियरिंग रीसर्च ऑर्गनाइजेशन के लिए सप्लाई करने वाली कंपनियों के रूप में काम कर रही थीं. साल 2010 से ही पाकिस्तान का यह संगठन अमेरिकी उपकरण की मदद से पाकिस्तान के क्रूज मिसाइल और रणनीतिक ड्रोन प्रोग्राम को सपोर्ट कर रहा था.
चीन की 6 कंपनियां ब्लैकलिस्ट
अमेरिका ने कहा कि यह गतिविधि अमेरिका के विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के विपरीत है. अमेरिका ने चीन की 6 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है जो अमेरिकी मूल के उपकरणों की मदद से चीन की सेना को आधुनिक बनाने में मदद कर रही थीं या ईरान के हथियार और ड्रोन कार्यक्रम में सपोर्ट कर रही थी. अमेरिका ने यूएई की 3 कंपनियों को भी ब्लैकलिस्ट किया है. इससे पहले खुलासा हुआ था कि ईरान के चर्चित किलर ड्रोन में पश्चिमी देशों की तकनीक का जमकर उपयोग हुआ है.
पाकिस्तान बना रहा है लंबी दूरी की मिसाइल
ईरान ने अपने हजारों ड्रोन रूस को बेचे हैं जिसका यूक्रेन जंग में इस्तेमाल किया गया है. इससे पहले भी अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन के मिसाइल कार्यक्रम को निशाना बनाया और कई कंपनियों को प्रतिबंधित कर दिया था. पाकिस्तान चाहता है कि चीन और अमेरिकी तकनीक की मदद से लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें बनाई जाए ताकि भारत के खिलाफ उन्हें यूज किया जाए. हालांकि अमेरिका ने इन मिसाइलों को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी है. अमेरिका को डर है कि इससे इजरायल को भी खतरा हो सकता है.
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